mumbai club
Representative Photo

    Loading

    गोंदिया. जिला मुख्यालय में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के माध्यम से जलापूर्ति की जाती है लेकिन विभाग की अनदेखी से पानी चोरी का प्रमाण बढ़ गया है. जिला मुख्यालय में 3 हजार से अधिक अवैध नल कनेक्शन है उनके माध्यम से पानी की चोरी हो रही है.   इसमें मजीप्रा का करोड़ो का राजस्व डूब रहा है. जबकि दूसरी ओर पानी के बिलों का नियमित भुगतान करने वालों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है.  विभाग का जांच अभियान ठंडे बस्ते में होने से पानी चोरी करने वालों की हिम्मत बढ़ गई है.

    उल्लेखनीय है कि गोंदिया शहर का दायरा व जनसंख्या भी  दिन ब दिन बढ़ रही है. बढ़ती जनसंख्या को पर्याप्त व अधिक दबाव से पानी मिले. इसके लिए विस्तारित पानी पूर्ति योजना शहर में तैयार की गई. इसके माध्यम से नागरिकों को 24 घंटे पानी देने का लक्ष्य था. लेकिन इस विस्तारित योजना का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद भी नागरिकों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. इसका कारण अवैध रूप से बड़े पैमाने पर पानी की चोरी  है. शहर में वर्तमान में 3 हजार से अधिक अवैध नल कनेक्शन हैं. पानी चोरी से नियमित पानी बिलों का भुगतान करने वाले   वैध नल कनेक्शनधारकों को पर्याप्त पानी की पूर्ति नहीं हो रही है. 

    प्राधिकारण को करोडो के राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है. इसमें विभाग द्वारा नियमित निरीक्षण व चोरों पर नजर नहीं रखी जा रही है. इसमें प्राधिकरण के ही कुछ कर्मचारी पानी चोरी के लिए पैसे लेकर अवैध रूप से नल कनेक्शन करा देने का कार्य कर रहे हैं. ऐसी  चर्चा व्याप्त है. नप के माध्यम से 3 वर्ष पूर्व 14वें वित्त आयोग की निधि से शहर में 4 हजार नि:शुल्क नल कनेक्शन देने की योजना क्रियान्वित की है लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद यह योजना पूर्ण नहीं की गई है.

    इसके विपरित बिना नल कनेक्शन के ही संबंधित ठेकेदार को नप ने निधि भी दे दी है. इसी नि:शुल्क नल कनेक्शन योजना की आड़ में अवैध नल कनेक्शन कराकर 1 हजार से 5 हजार रु. की वसूली की जा रही है. विशेष बात यह है कि अवैध नल कनेक्शन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन उस दिशा में कुछ भी नहीं किया जा रहा है.  

    टुल्लू पंप की भरमार- अनेक मीटर बंद 

     शहर के नागरिकों को 24 घंटे पानी मिले इसके लिए पुरानी पानी पूर्ति योजना में परिवर्तन कर विस्तारित पानी पूर्ति योजना तैयार की गई जिसका कार्य भी पुरा हो गया है लेकिन 24 घंटे जलापूर्ति की घोषणा   सपना बन कर रह गई. कम समय तक पानी की पूर्ति हो रही है. इसी में पानी अधिक से अधिक अपने नल में खींचने के लिए कई लोग टिल्लू पंप का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे लोग नल के समय पर टिल्लू पंप शुरू कर दूसरों के हिस्से का भी पानी खींच लेते है. जिससे बिना टिल्लू पंप वालों का पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. 

    शहर में बड़े पैमाने पर मजीप्रा के नल कनेक्शन हैं. उनमें टिल्लू पंप के माध्यम से पानी खींच लिया जाता है. तीन से चार कमरों वाले किराएदार भी मोटर पंप की मदद से पानी टंकी में भरकर रख लेते है. इसी में अनेक लोगों के घरों पर लगे नल कनेक्शन के मीटर बंद पड़े हैं. जिससे प्राधिकरण उन्हें एवरेज बिल थमा देता है. जबकि  इस ओर उसे ध्यान देना चाहिए.