गोंदिया. सरकार ने पात्र किसानों को समय पर और आसान फसल कर्ज उपलब्ध कराने के लिए जिला परिषद के कृषि विभाग द्वारा ‘कृषि कर्ज मित्र’ योजना को मंजूरी दी है. इस संदर्भ में शासन निर्णय ग्राम विकास विभाग ने हाल ही में इस योजना को मंजूर किया है.
किसानों को खरीफ और रबी मौसम के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी व निजी बैंकों तथा पत संस्थाओं के माध्यम से कर्ज प्रदान किया जाता है. इसमें किसानों का रुझान जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक की ओर अधिक होता है. सहकारी बैंक द्वारा विविध कार्यकारी सेवा सहकारी सोसायटी द्वारा कर्ज का वितरण किया जाता है.
किसान अल्प, मध्यम व दीर्घकाल के लिए फसल कर्ज लेते है. फसल कर्ज लेते समय सातबारा, अभिलेख से बैंक का ना हरकत प्रमाणपत्र आदि अनेक दस्तावेज जमा करने के लिए विलंब होता है. जिसके चलते काफी समय बित जाता है और फसल कर्ज समय पर नहीं मिल पाता.
परिणामस्वरूप साहुकारों के दरवाजे पर जाने की नौबत आती है. उसमें भी अधिक ब्याज देना पडता है. इसलिए, सरकार ने किसानों को समय पर और आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘कृषि कर्ज मित्र’ योजना लागू करने का निर्णय लिया है. ‘कृषि कर्ज मित्र’ को किसान की सिफारिश के साथ सेवा शुल्क सूची बैंक को देनी होगी और बैंक द्वारा सत्यापन के बाद कर्ज चुकाने की सूची उस समूह के समूह विकास अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी.
इस योजना की अवधि 2021-22 और आवश्यकता के अनुसार योजना की अवधि बढ़ाने या घटाने का अधिकार जिला परिषद को दिया गया है. इस संबंध में शासन निर्णय 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है. पहली बार अल्पावधि फसल लेने वाले के लिए सेवा शुल्क 150 रु. सेवाशुल्क है वहीं मध्यम और लंबी अवधि के कर्ज के लिए 250 रु. सेवा शुल्क होगा. मध्यम और लंबी अवधि के कर्ज के लिए नवीनीकरण का दर 200 रु. प्रति प्रकरण है.
जो कृषि कर्ज मित्र के रूप में सेवा करना चाहते हैं वे जिला परिषद की वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते है. पंजीकृत उम्मीदवारों की सूची तैयार हो जाने पर इसे जिला परिषद की कृषि समिति द्वारा मंजूरी मिलेगी. कृषि कर्ज मित्र इस कर्ज के लिए आवश्यक दस्तावेज एकत्र कर किसान की सहमति से कर्ज प्रकरण तैयार कर मंजूरी के लिए बैंक में प्रस्तुत करेगा.
कृषि कर्ज मित्र द्वारा पारदर्शी व प्रमाणिक तौर पर किसानों को सहायता व सुझाव देने का एक करारनामा जारी करना आवश्यक है. कृषि कर्ज मित्र को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए तहसील स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा. समिति में समूह विकास अधिकारी, सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रतिनिधि, जिला अग्रणी बैंक के प्रतिनिधि, तहसील कृषि अधिकारी, पंस कृषि अधिकारी का समावेश रहेगा.