गोंदिया. रिश्वत लेने के प्रकरण में बंदी बनाए गए पुलिस उप निरीक्षक श्रीकांत पवार व अमृत ढाबे के संचालक गोरठा निवासी अनिल सोनकनेवारे को एसीबी की टीम ने 13 जून को जिला अपर व सत्र न्यायालय के न्यायधीश खान के समक्ष पेश किया जहां उन्हें 27 जून तक न्यायिक हिरासत में भंडारा जेल भेज दिया गया है. सरकार का पक्ष एड.महेश चांदवानी ने रखा. न्यायधीश खान ने इन आरोपियों की जमानत पर 15 जून को सुनवाई होगी.
उल्लेखनीय है कि आमगांव पुलिस स्टेशन में की गई शिकायत पर मामला दर्ज नहीं करने के लिए 5 लाख रु. की मांग पुलिस उपनिरीक्षक श्रीकांत पवार ने की थी. इस बीच शिकायतकर्ता के साथ 2 लाख रु. में सौदा पट गया लेकिन पैसे देने की इच्छा नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने एसीबी को जानकारी दी.
इसके आधार पर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 1 लाख रु. लेते हुए अनिल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. यह कार्रवाई एसीबी के पुलिस उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक अतुल तावडे, सहायक फौजदार चंद्रकांत करपे, हेड कांस्टेबल चंद्रकांत करपे, हेड कांस्टेबल मिलकीराम पटले, संजय बोहरे, राजेंद्र बिसेन, मंगेश कहालकर, अशोक कापसे, संतोष शेंडे, संतोष बोपचे व संगीता पटले आदि ने की.