सालेकसा. एशिया की सबसे बडी कचारगड गुफा को आदिवासी गोंड समाज का प्रमुख श्रद्धास्थान माना जाता है जहां माघपुर्णिमा पर महापूजा, राष्ट्रीय महाधिवेशन, गोंडी साहित्य संमेलन, गोंडी नृत्य महोत्सव में महाकाय गुफाओं का दर्शन यहां होते है. वही 5 फरवी को महोत्सव के तिसरे दिन भूमकाल संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रावेन इनवाते द्वारा पेनठाना में ध्वजारोहन हुआ.
गोंडवाना छत्तीसगड के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम ने अध्यक्षता की. गोंडवाना गणतंत्र राष्ट्रीय महासचिव श्यामसिंग मरकाम, बिलासपूर के राष्ट्रीय कोयापुणेम प्रचारक के.बी.प्रधान, हौसंगाबाद के अधिवक्ता विक्रम परते, देश के अनेक बडे विद्वान गोंडी प्रचारक सहित विधायक सहसराम कोरोटे, जिप अध्यक्ष पंकज रहागडाले, जिप सदस्य गीता लिल्हारे, विमल कटरे, छाया नागपुरे व वंदना काले, पंस सभापती प्रमिला गणवीर के अलावा कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. माघ पौर्णिमा पर आदिवासी श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड पड़ा. विभिन्न वेशभूषा सहित श्रद्धालु करिबन पाच लाख लोग कलि कंकाली , पेनठाणा में दर्शन करने पहुंचे.
फिर एक बार याद किया समिति ने स्व. यादव को
कचारगड आदिवासी श्रद्धास्थान को अपनी कार्यक्षमता, लगन दायित्व का परिचय देने वाले कचारगड के उत्थान में सदैव अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सालेकसा के तहसीलदार स्व. शितल कुमार यादव को आज फिर कचारगड देवस्थान समिति ने याद करके स्मरन किया.