
गोंदिया. कोरोना काल में पिछले दो वर्षों से पैसेंजर व लोकल ट्रेनें बंद कर दी गई लेकिन एक्सप्रेस व मालगाड़ी नियमित दौड़ रही हैं. जबकि इतवारी से रायपुर पैसेंजर, इतवारी से डोंगरगड़ यह लोकल ट्रेन अब भी लाइन पर नहीं आई है. जिससे इस मार्ग पर गरीब व सामान्य यात्रियों के हाल बेहाल हो रहे हैं. यात्रियों को अधिक भुगतान भी करना पड़ रहा है.
जिससे गरीबों की पैसेंजर और लोकल ट्रेनों की सख्त जरूरत है लेकिन वे कब शुरू होगी उसका कोई निश्चित जवाब नहीं मिल रहा है. इसी में रायपुर पैसेंजर व इतवारी-डोंगरगड़ इन दोनों ट्रेनों की यात्रियों में बेसब्री से प्रतीक्षा है. ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह दोनों प्रमुख ट्रेनें हैं. इनमें यात्री गोंदिया से नागपुर तक यात्रा कर मजदूरी के काम पर जाते हैं. जिले के लगभग 2 हजार मजदूर हर दिन रोजगार के लिए नागपुर लोकल ट्रेन से जा रहे थे. लेकिन अब वह सुविधा उपलब्ध नहीं होने से उसका असर उनके रोजगार पर पड़ रहा है.
एक्सप्रेस ट्रेनें छोटे रेलवे स्टेशन पर रुकती नहीं हैं. केवल एक ही मेमो ट्रेन इतवारी-दुर्ग यह शुरू है. इसका समय सुविधाजनक नहीं है. यह इतवारी से दोपहर 3 बजे छूटती है. इसके बाद गोंदिया शाम 6 बजे पहुंचती है. इस ट्रेन में भारी भीड़ रहती है. इस ट्रेन में बैठने के लिए जगह नहीं मिलती है. जिससे अनेक यात्रियों को खड़े रहकर यात्रा करनी पड़ती है. इसमें अनेक लोगों को भारी परेशानी होती है.
एसटी बसों का किराया डबल
महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो गई है. निगम के सभी कर्मचारी काम पर लौट गए हैं. जिससे ग्रामीण परिसर से एसटी बस दौड़ती दिखाई दे रही है. लेकिन एसटी बस का किराया अधिक होने से यात्री एसटी से यात्रा करने आगे पीछे देखते हैं. एसटी बस का मुंडीकोटा से नागपुर 170 रु., गोंदिया से नागपुर 250 रु. से अधिक है. जबकि लोकल टिकट केवल 50 रु. है. जिससे एसटी बस से यात्रा करने पर आर्थिक बोझ सहन करना पड़ता है. रेलवे की सेवा शुरू होकर बहुत समय बीत गया है. जबकि अब तक लोकल व पैसेंजर ट्रेन समय सारणी अनुसार लाईन पर नहीं आई है. जिससे यात्रियों को छुट्टियों के दिनों में आवागमन के लिए भारी असुविधा हो रही है.