
गोंदिया. गोंदिया के वीर सुपुत्र देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए 6 सितंबर को शाम 4 बजे के आसपास लेह लद्दाख में वीरगति को प्राप्त हुए. 9 सितंबर शनिवार को सुबह उनका पार्थिव शरीर गोंदिया पहुंचा. सुबह 8 बजे से उनका पार्थिव शरीर शहर के रानी अवंतीबाई चौक से शहर के मुख्य मार्गों से निकाला गया. इस दौरान हजारों की संख्या में शहरवासी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे और पुष्पवर्षा की. जगह-जगह उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. घोषणा की गई कि वीर सुरेश नागपुरे अमर रहें.
शहर के पास तुमखेड़ा खुर्द के सुरेश हुकलाल नागपुरे (34) भारतीय सेना में कार्यरत थे. 6 सितंबर को शाम करीब 4 बजे लेह लद्दाख में ड्यूटी के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उनकी मृत्यु हो गई. यह खबर फैलते ही तुमखेड़ा सहित गोंदिया शहर व जिले में शोक फैल गया. उनका पार्थिव शरीर 9 सितंबर को सुबह तुमसर-तिरोड़ा होते हुए गोंदिया लाया गया.
इस समय उनके अंतिम दर्शन के लिए तुमसर, तिरोड़ा और अन्य गांवों में बड़ी संख्या में नागरिक सड़क पर एकत्र थे. सुबह करीब 8 बजे शहर के रानी अवंतीबाई चौक से शव यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए निकाली गई. इस मौके पर सुबह से ही रानी अवंती चौक पर नागरिकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. शहर में नागरिक उनके अंतिम दर्शन के लिए चौराहों पर एकत्र हुए थे. सड़क पर फूल फेंके गए. शहर में वीर सुरेश नागपुरे अमर रहे के होर्डिंग लगाए गए.
शव यात्रा में हजारों की संख्या में युवा, नागरिक, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हुईं. इस मौके पर वीर सैनिक सुरेश नागपुरे अमर रहे के नारे लगाए जा रहे थे. पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले ने सुबह उनके अंतिम दर्शन किए. साथ ही विधायक विनोद अग्रवाल ने जयस्तंभ चौक स्थित प्रशासनिक भवन के पास सुरेश नागपुरे के पार्थिव का दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व विधायक राजेंद्र जैन ने तुमखेड़ा जाकर उनके अंतिम दर्शन किए. फुलचूर में भी सुबह 7 बजे से जुटे नागरिकों ने पार्थिव शरीर आते ही सुरेश नागपुरे के पार्थिव शरीर ले जा रहे वाहन पर पुष्पवर्षा की और जयकारे लगाए.
तुमखेड़ा में दाह संस्कार
अंतिम संस्कार के लिए सुरेश नागपुरे के पार्थिव शरीर को भारतीय सेना के वाहन में शहर के मुख्य मार्गों से ले जाया गया. शहर में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार के बाद उनके पार्थिव शरीर को फुलचूर होते हुए उनके पैतृक गांव तुमखेड़ा खुर्द ले जाया गया. दोपहर करीब तीन बजे उनके पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
सुरेश नागपुरे, जो केवल 34 वर्ष के थे, की असामयिक मृत्यु हो गई. उनकी पांच महीने की बेटी है. साथ ही पत्नी, माता-पिता, दो भाई और एक बहन ऐसा बड़ा परिवार है.