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    गोंदिया. रापनि कर्मचारियों का राज्य सरकार में विलीनीकरण करने की प्रमुख मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों द्वारा पिछले 28 अक्टूबर से हड़ताल की जा रही है. वर्तमान स्थिति में ठंड काफी बढ़ गई है. शहर सहित जिले में कड़ाके की ठंड शुरू है. ऐसी स्थिति में भी अपनी मांग पूर्ण कराने के लिये रापनि कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी है. इधर रापनि कर्मचारियों के हड़ताल को अब 48 वां दिन पूर्ण हो गया है. लेकिन सरकार द्वारा मांग पूर्ण करने संदर्भ में किसी भी तरह की पहल नहीं किए जाने के कारण रापनि कर्मचारियों में सरकार की नीति के प्रति तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.

    रापनि का करोड़ों का नुकसान

    रापनि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते पिछले डेढ़ माह की कालावधि से रापनि की बसे डिपो में जमा है. इसका खामियाजा न केवल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, बल्कि रापनि को भी कीमत चुकानी पड़ रही है. विभागीय नियंत्रक कार्यालय अंतर्गत आने वाली तिरोड़ा, गोंदिया डिपो के सैकड़ों कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं, इधर रापनि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते रापनि का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.

    मजबूरी में पैदल जा रहे छात्र

    कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद स्कूल, महाविद्यालय पूर्ववत शुरू हो गए हैं. लेकिन इस बीच रापनि कर्मचारियों द्वारा अपनी प्रमुख मांग को लेकर पिछले डेढ़ माह से हड़ताल जारी रखने के कारण संपूर्ण जिले में बस सेवा पूरी तरह प्रभावित हो गई है. जिसका खामियाजा सर्वाधिक ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. पहले ही इन क्षेत्र में यातायात की अल्प सुविधा है. ऐसे में रापनि की बस सेवा बंद होने के कारण छात्रों को मजबूरी में पैदल ही स्कूल जाना पड़ रहा है. जिससे छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

    डेढ़ वर्ष बाद पूर्ववत  शुरु हुई स्कूलें

    पिछले डेढ़ वर्षों से कोरोना के चलते राज्य के स्कूल और महाविद्यालय बंद थे. ऐसे में गत वर्ष छात्रों का शैक्षणिक नुकसान न हो, इसलिए राज्य सरकार ने आनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू की थी. लेकिन जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के छात्र आनलाइन शिक्षा प्रणाली से वंचित थे. ऐसे में राज्य सहित जिले में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद राज्य सरकार ने सभी स्कूल और महाविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया और हाल ही में स्कूल व महाविद्यालय शुरू हो गए है. जिससे स्कूलों में दोबारा रौनक लौट आई है. लेकिन बस सेवा ही बंद होने के कारण ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के छात्र पूरी तरह त्रस्त हो गए है.

    निजी वाहनों का सहारा ले रहे छात्र

    स्कूल महाविद्यालय शुरू होने के बाद छात्रों में स्कूल जाने को लेकर काफी उत्साह था. अचानक रापनि कर्मचारियों द्वारा हड़ताल शुरू किए जाने से छात्रों का उत्साह निराशा में बदल गया. इधर छात्रों बसे बंद होने के कारण निजि वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर अनेक गांवों के छात्र पैदल ही लंबी दूरी तय कर स्कूलों में पहुंच रहे हैं.