Chikungunya

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    गोंदिया,ब्यूरो.  मच्छरों से विभिन्न प्रकार की बीमारी होती है. इसमें मुख्य रूप से डेंगू, हाथीरोग व मलेरिया  का समावेश है. मच्छर तीन प्रकार के होते है. डेंगू के मच्छर को इजिप्ती कहा जाता है. वहीं हाथी रोग के मच्छर को क्युलेक्स कहते है. इसी तरह मच्छर का तीसरा प्रकार याने एनोफिलिस होता है जिसे  मलेरिया मच्छर कहते है. मच्छर अलग अलग प्रकार के होते है. इसके बाद भी वे एक समय पर 300 से 400 अंडे देते है. इनकी उत्पत्ती तीव्र गति से होती है. जिससे नागरिकों को घर के परिसर में स्वच्छ पानी की सामग्री सप्ताह में एक बार खाली कर रखना चाहिए. मच्छरों से मनुष्य, जानवर, पशु पक्षियों को भी विभिन्न प्रकार की बीमारी का सामना करना पड़ता है. वर्षा ऋतु में सभी ओर गंदगी का साम्राज्य बना रहता है. इस पानी से अनेक प्रकार के मच्छर व कीड़े पैदा होते हैं. जिससे मानवी जीवन सहित पशु पक्षियों व जानवरों को भी बीमारी का खतरा  होता है. इससे नागरिकों में स्वास्थ्य का भय बना रहता है. वहीं स्वास्थ्य विभाग को लोगों में होने वाली बीमारियों का डर बना रहता है. विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारी से जनता व स्वास्थ्य विभाग दहशत में रहता है. ऐसे समय जनता व स्वास्थ्य विभाग को हमेशा संपर्क में रहने की जरूरत है. डेंगू, हाथीरोग व मलेरिया इन बीमारियों का भय सभी को होता है.  इन बीमारियों पर तत्काल उपचार नहीं किया गया तो   मृत्यु का खतरा हो जाता है.  इसके लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है. इसी में डेंगू को नियंत्रित करने के लिए उच्च स्तर से निचे स्तर पर प्रयास शुरू हैं.  बीमारी का पता चल जाने पर  तत्काल  उपचार  से यह बीमारी जल्द ठीक हो जाती है.

    मच्छरों का प्रकोप

    एक ओर नप प्रशासन स्वच्छ भारत  मिशन अभियान के तहत लोगों से सफाई अपनाने पर जोर दे रहे हैं, तो वहीं प्रशासन के स्वच्छता विभाग की अनदेखी के चलते शहर के विभिन्न इलाकों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इससे क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप होकर मलेरिया, डेंगू और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, मात्र नगर परिषद प्रशासन की ओर से शहर के प्रभागों में सफाई अभियान चलाने या कीटनाशक दवा का छिड़काव करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने से शहरवासियों में नप के लचर कामकाज को लेकर भारी रोष व्याप्त है. शहर में आज भी कई स्थानों पर जलभराव देखा जाता है, जहां मच्छरों की पैदावार हो रही हैं. शहर के 42 वाडों के खाली प्लाटों में भरा गंदा पानी और नालियों में फैली गंदगी बीमारियों को न्योता दे रही है. लेकिन स्वच्छता विभाग के अधिकारी तथा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस ओर देखकर भी अनदेखा कर रहे है.

      नप  स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शहर के वार्डों में 272 सफाई कर्मचारियों की मदद से 6 ट्रैक्टर व 33 घंटा गाड़ियों से शहर का कचरा संकलन का कार्य  किया जा रहा है.  नप प्रशासन द्वारा स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है

    0 हरिंद्र मेठी

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