
गोंदिया. राज्य में नायब तहसीलदार राजपत्रित वर्ग 2, के ग्रेड पे और अन्य मांगों को लेकर 1998 से सरकार से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन सरकार इसे सकारात्मक रूप से नहीं देख रही है. जिससे आखिरकार महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन की ओर से उन्होंने 3 अप्रैल से हड़ताल करने की चेतावनी दी है. इस संबंध में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा गया है.
नायब तहसीलदार, राजपत्रित वर्ग 2 महाराष्ट्र राज्य के राजस्व विभाग में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद है. लेकिन नायब तहसीलदार के पद का वेतन राजपत्रित वर्ग 2 का नहीं है, इसलिए महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन ने नायब तहसीलदार के ग्रेड वेतन को बढ़ाने के लिए 1998 से आज तक बार-बार सरकार से गुहार लगाई है. लेकिन शासन स्तर पर संगठन की मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया. वहीं शासन स्तर से भी इस संबंध में कोई जानकारी संस्था को नहीं दी गई है. राजपत्रित वर्ग 2 ग्रेड वेतन 4800 रुपये करने के संबंध में संगठन की ओर से सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस भी दिया गया था.
लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया. तत्कालीन अपर मुख्य सचिव व राजस्व मंत्री के साथ ही वित्त मंत्री ने बैठक में मामले को सुलझाने का वादा किया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ. के.पी. बख्शी की अध्यक्षता में वेतन त्रुटी समिति ने नायब तहसीलदार के ग्रेड पे को बढ़ाकर 4800 रुपये करने का प्रजेंटेशन दिया. लेकिन कार्य का स्वरुप, जिम्मेदारी आदि जानने के बावजूद सरकार इस पर आंखे मूंद कर बैठी है.
इससे नायब तहसीलदारों में गहरा असंतोष है और 3 अप्रैल से हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है. प्रतिनिधि मंडल में तहसीलदार लीना फलके, प्रशांत घोरूडे, नितिन चवरे, ए.एन. बिटले, सी.एन. वाकडे, पी.बी. तिवारी, आर. एन. पालांदुरकर, अप्पासाहेब वनकडे, कपिल घोरपड़े, सी. डी. फुंडकर, रंगारी, जी.आर. नागपुरे, किशोर बागड़े, डी.वाई देशमुख आदि का समवेश था.