- डाक्टर द्वारा गैरजिम्मेदाराना हरकत पर स्थिति बन गई तनावपूर्ण
- डाक्टर पर लापरवाही व रिश्वतखोरी का आरोप
गोंदिया. जिले के प्रमुख एकमात्र महिला चिकित्सालय बाई गंगाबाई अस्पताल में 24 अक्टूबर की शाम 6 से 7 बजे के बीच 3.5 किलो वजन के नवजात शिशु की नार्मल व सीजर ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई, उसके बाद अस्पताल में परिजन आक्रोश हो गए तथा डाक्टर पर लापरवाही व रिश्वतखोरी का आरोप लगाने के साथ ही उसके खिलाफ जमकर हंगामा किया.
कुछ देर अस्पताल में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई. एक स्थिति यह आई जब ऐसा प्रतीत होने लगा मानो अब महिला अस्पताल में दो पक्षों में भारी टकराव होगा लेकिन इससे पहले की स्थिति गंभीर होती. वहां उपस्थित पुलिस कर्मियों तथा विशाल गोपालदास अग्रवाल व अभय अग्रवाल की कोशिशों के चलते अप्रिय स्थिति टल गई.
तीन दिन से परिवार के कहने पर भी डा. सावंत ने नहीं की नार्मल डिलेवरी
पूरे घटनाक्रम के संबंध में पीडित पिता आशीक प्रभुदास नंदेश्वर ने बताया कि उसकी पत्नी प्रियमाला नंदेश्वर (26) को प्रसूती के लिए पहले दासगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था. वहां सोनोग्राफी रिपोर्ट के अनुसार प्रसूती के लिए समय पूर्ण होने की स्थिति और नार्मल डिलेवरी की संभावना नहीं दिखाई देने पर सीजर ऑपरेशन द्वारा डिलेवरी करवाने के लिए बीजीडब्ल्यू महिला अस्पताल रेफर किया गया था तथा बच्चे की स्थिति का अनुमान लगाते हुए आशा कार्यकर्ता को भी साथ में भेजा गया, गंगाबाई अस्पताल में 22 अक्टूबर को सुबह 11 बजे भर्ती किया गया.
जिसके बाद डाक्टर द्वारा नार्मल प्रसूती के लिए एक नहीं दो बार इंजेक्शन लगाए गए. जबकि परिजन डाक्टर से महिला की स्थिति को देखते हुए सीजर करने का अनुरोध कर रहे थे. लेकिन फिर भी डा. सावंत व डा. तरुण द्वारा लापरवाही की गई. जब तीन दिन बीत गए तब सतत आग्रह के बाद डा. सावंत ने ऐसी परिस्थिति में भी पहले नार्मल प्रसूती के लिए महिला के पेट को दबाया और पंपिंग कर बच्चे को खींचने का प्रयास किया. जिससे बच्चे की मौत हो गई.
जबकि बच्चा बाहर नहीं आया तब डाक्टर द्वारा सीजर आपरेशन कर बच्चे को बाहर निकाला गया. लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी. नंदेश्वर ने यह भी बताया कि सीजर ऑपरेशन से पहले डा. केंद्रे ने उनसे एक हजार रु. रिश्वत के रुप में लिए और फिर जब बच्चे की मृत्यु हो गई तो वह एक हजार रु. वापस भी कर दिए. इस घटना में साफ तौर पर डाक्टर सावंत की लापरवाही के कारण बच्चे की मृत्यु का आरोप परिजनों ने लगाया.
उल्लेखनीय है कि महिला अस्पताल में नवजात शिशु की मौत की सूचना मिलने पर पीडित परिजनों के आग्रह पर भाजपा नेता विशाल गोपालदास अग्रवाल और अभय अग्रवाल अस्पताल पहुंचे व जहां परिजनों ने घटना की जानकारी दी. इसके बाद विशाल व अभय अग्रवाल ने डा.सावंत से चर्चा कर इस तरह की लापरवाही के संदर्भ में सवाल जवाब किए. जिस पर डा. सावंत ने परिजनों के आरोपों के दौरान भड़क कर जवाब दिया. वहीं मरीज की रिपोर्ट परिजनों को देने से भी इंकार कर दिया. जिससे डाक्टर के खिलाफ रोष और बढ गया.
छात्र व छात्राओं की टोली बुला ली सावंत ने
डा. सावंत गलती मानने के बाजाए विवाद पर उतारु थे और मेडिकल कॉलेज के छात्र व छात्राओं की टोली जिसमें 50 से 100 छात्र थे और सभी टकराव की मुद्रा में आस्तीन चढ़ाते हुए अस्पताल पहुंचे. जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मारपीट में तब्दील हो जाने की स्थिति बन गई थी. विशाल अग्रवाल व अभय अग्रवाल ने जहां छात्रों के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की, वहीं पीडित परिजन भी मेडिकल छात्र व छात्राओं पर बरसे. जबकि मौके पर उपस्थित महिला व पुरुष पुलिस कर्मी द्वारा मामले को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया. जिसके बाद स्थिति संभल पाई.
डीन के आदेश पर मरीज की रिपोर्ट को लिया गया कब्जे में
उल्लेखनीय है कि इस घटना के उपरांत जहां रात में ही गोंदिया शहर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल से रवाना हुए, वहीं विशाल अग्रवाल व अभय अग्रवाल की शिकायत पर डाक्टर गौरव बग्गा व अन्य डाक्टर को अस्पताल परिसर में जांच के लिए भेजा गया तथा डा. सावंत द्वारा किए गए उपचार की रिपोर्ट को अपने कब्जे में लेकर जांच के आदेश दिए गए. इस प्रकार हंगामें की भेंट चढ़ चुके मामले का पटाक्षेप हो पाया.
नवजात शिशुओं की मौत का केंद्र बन चुका गंगाबाई अस्पताल
गोंदिया के गंगाबाई महिला अस्पताल में प्रतिवर्ष अनेक मौतें नवजात शिशुओं की दर्ज की जाती है. जिसमें अधिकांश मामलों में डाक्टर की लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं. एक बार फिर नवजात शिशु की मौत के बाद बीजीडब्लयू अस्पताल सवालों के घेरे में आ चुका है.
पहले भी लापरवाही से बच्चों को मौत की नींद सुला चुके हैं डा. सावंत
जानकार सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डा. धवल सावंत पर अनेक गंभीर आरोप हैं जिसमें उनकी लापरवाही के कारण चार से पांच बच्चों की मौत हो जाने की गंभीर शिकायतें भी दर्ज है. आरोपों के अनुसार एक मामले में तो शिकायतकर्ता अभी भी डा. सावंत के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा है. जिसका मानना है कि डा. सावंत अनेक बच्चों को मौत की नींद सुला चुका है और अनेक माताओं की कोख उजाड़ चुका है.
डा. सावंत के खिलाफ कुछ मामलों में जांच अभी भी शुरु है, इसके बाद फिर इसी तरह का एक और मामला सामने आने के बाद डा. सावंत का व्यवहार व आचरण एक चिकित्सकीय मर्यादा के विपरित जहां नजर आता है, वहीं मेडिकल छात्रों को वारदात के लिए उकसाने के प्रयोजन की चेष्टा भी उजागर होती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि डा. सावंत प्रायवेट प्रैक्टिस भी करते हैं और ड्यूटी से अक्सर नदारत रहते हैं.
फिर बनाई गई जांच कमेटी
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओं की शिकायत पर डीन अपूर्व पावड़े ने डा. सावंत के खिलाफ जांच कमेटी बनाई है, जिसमें डा. नंदकिशोर जायसवाल, डा. राजश्री पाटिल, डा. गरिमा बग्गा व डा. सागर सोनारे को शामिल किया गया है. अब देखना होगा कि गंभीर शिकायतों के आरोपी डा. सावंत के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, या फिर एक बार फिर जांच के नाम पर पुरे मामले की इतिश्री कर दी जाती है.