School Bus
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    गोंदिया. जिले में निजी स्कूल शुरू हो गई है. जबकि जिला परिषद की शालाएं 29 जून से शुरू होगी. जिले में अनेक विद्यार्थियों को शालाओं में लाने ले जाने के लिए स्कूल बसों का उपयोग किया जाता है लेकिन वह बसेस सही में फिट  है या नहीं इसकी जांच करना जरूरी है, क्योंकि शहर व ग्रामीण क्षेत्र की 300 स्कूल बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं होने की जानकारी सामने आई है. 65 प्रश स्कूल बस मालिकों ने फिटनेस नियम की धज्जियां उडाई है. जिससे पाल्यों को लेकर पालकों को सतर्क  रहने की जरूरत हैं. 

    दुर्घटना व तांत्रिक बिगाड टालकर विद्यार्थियों की स्कूल यात्रा सुरक्षित होने के लिए स्कूल बस का फिटनेस सर्टिफिकेशन होना अत्यंत आवश्यक है. जिला मुख्यालय में कुछ शालाओं की शुरुआत हुई है. इनमें 45 प्रश विद्यार्थी स्कूल बस, 30 प्रश वैन व 10 प्रश विद्यार्थी यह ऑटो रिक्सा से स्कूल आते जाते हैं. जिससे विद्यार्थियों के यातायात को संवेदनशील के रुप में दर्ज किया गया है. इतना ही नहीं विद्यार्थियों के यातायात को लेकर नियमावली है. 

    फिटनेस प्रमाणपत्र जरूरी

    स्कूल बसेस को वर्ष में एक बार फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है, वाहनों की स्थिति, ब्रेक, लाईट्स, लायसेंस, चालक वाहन चलाने के लिए सक्षम है क्या, वाहन मालिक व चालक के खिलाफ कोई मामला दर्ज तो नहीं, इसके अलावा वाहन मालिकी के कागजपत्र आदि की जांच की जाती है. इस सबके  बाद ही आरटीओ के माध्यम से फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाता है. इसे निर्धारित अवधि के बीच हासिल करना आवश्यक है. 

    बस संचालक गंभीर नहीं 

    इसमें स्कूल बस व स्कूल वॅन के कलर से आसन क्षमता व गति की सीमा निर्धारित कर दी गई है. न्यायालय के आदेश व परिवहन विभाग के निर्देशानुसार शालाओं में विद्यार्थियेां के यातायात करने वाले वाहनों की प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा स्कूल बस व स्कूल वॅन की जांच हर वर्ष करना अनिवार्य है. ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में बसों की पुन: जांच करने परिवहन विभाग ने सुचना दी थी लेकिन स्कूल बस के फिटनेस को लेकर स्कूल बस मालिक व स्कूल संचालक भी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे है. 

    कोरोना से संस्था चालकों पर आर्थिक संकट 

    जिले में कोरोना काल के संकट से पिछले दो वर्ष शालाएं बंद थी. जिससे निजी शालाओं को मिलने वाली आय बंद हो गई, शाला बंद होने से निती संस्था के शाला संचालक आर्थिक संकट के चलते अनेक संचालकों ने अब तक स्कूल बसेस के फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं लिए है. इसमें विद्यार्थियों के सुरक्षित यातायात की जिम्मेदारी यह शालाओं की भी है. 

    बिना फिटनेस स्कूल बसों पर कडी कार्रवाई 

    जिले में स्कूल बसों की संख्या 410 हैं. इसमें सबसे अधिक बसें गोंदिया शहर की है. इन 410 स्कूल बसों में से 310 की अब तक फिटनेस जांच नहीं हुई. इस संबंध में उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजवर्धन करपे ने बताया कि मार्ग पर वाहन चलाते समय आवश्यक दस्तावेज रखना जरूरी है, जिन स्कूल बस में फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है ऐसी बसों का मार्ग पर आना खतरनाक हो सकता है. उन्हें नोटिस दिए गए है. अब कार्रवाई की जाएगी.