अशैक्षणिक काम कर रहे शिक्षक

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    सड़क अर्जुनी. शासन द्वारा निरंतर शिक्षकों से अशैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं. बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पद होने से विद्यार्थियों की गुणवत्ता पर विपरित परिणाम हो रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति की ओर से  केवल अध्यापक का काम दिया जाए इस मांग को लेकर 8 अगस्त को संपूर्ण राज्य में सत्याग्रह किया गया.

    उसी क्रम में जिलाधीश नयना गुंडे से भेंट कर मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंपकर  शिक्षक समिति की ओर से शिक्षकों से कराए जा रहे अशैक्षणिक काम हटाने की मांग की गई. शिक्षकों पर पाठ्यक्रम के अलावा अनेक उपक्रम, रोज की जानकारी संकलित करना, अनावश्यक प्रशिक्षण, शालेय पोषण आहार की गिनती तथा अशैक्षणिक के बोझ से शिक्षक अध्यापन के कार्य से निरंतर दूर होता जा रहा है. जिससे विद्यार्थियों का   शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. जिसके लिए शिक्षकों को ही दोषी ठहराया जा रहा है.

    जिससे  प्राथमिक शिक्षक समिति ने विद्यार्थियों के हित में तथा शिक्षकों की अस्मिता व राष्ट्र भविष्य के हित में निर्णय लेकर पहल करते हुए  केवल पढ़ाने का कार्य दिया जाए इस मांग को लेकर राज्य भर में सत्याग्रह किया गया. साथ ही ज्ञापन के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री से भी अपील की है.

    प्राथमिक शिक्षकों पर थोपे गए अशैक्षणिक काम हटाने तथा बीएलओ के काम हटाने के संदर्भ से जुड़े लगभग 42 मांगों का ज्ञापन शिक्षा आयुक्त व शिक्षा संचालक को सौंपा गया. प्रतिनिधि मंडल में मनोज दीक्षित, जिलाध्यक्ष किशोर डोंगरवार, एल.यु.खोब्रागडे, संदीप मेश्राम, संदीप तिडके,  डी. एच. चौधरी, विनोद बडोले, एन. बी. बिसेन, पी. आर. पारधी, प्रदीप बडोले, रमेश गहाने,  दिनेश उके, संजय बोपचे, एस. डी. नागपुरे, दिनेश बिसेन, गजानन पाटणकर, क्रिस काहालकर, महेश कवरे, शोभेलाल ठाकूर, विलास डोंगरे, किरण बिसेन, विनोद बाहेकर, सेवक रहांगडाले, नरेंद्र जोशी, अशोक बिसेन, गौतम बांते, सतीश दमाहे, दिलीप लोधी, उमेश रहांगडाले, रजनी मेश्राम,  राजु बोपचे, आर. सी. मंदेले, भारती तिडके, टी. एम. शहारे, माधव टेंभरे, दिलीप नवखरे, मुरलीधर खोटेले, शरद उपलपवार, शरद पटले, रामेश्वर वाघाडे, डी.वी. चेलानी, प्रवीण दमाहे, जेड. बी. दमाहे, माणिक ठाकरे, हेमकृष्ण टेंभूर्णे आदि शामिल थे.

    छायाचित्र (8 एयुजीओ 34)

    0 शाहीद पटेल

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