Elephant Terror

    Loading

    गोंदिया. निरंतर प्रकृति के कहर, कीट प्रकोप और कृषि सामग्री की बढ़ती कीमतों के कारण पहले से ही हताश अर्जुनी मोरगांव तहसील के किसान अब हाथियों के संकट का सामना कर रहे हैं. तहसील  के कवठा, नागनडोह आदि गांवों के किसानों को नुकसान पहुंचाने के बाद अब हाथियों के झुंड ने दाभना में किसानों के धान को नुकसान पहुंचाया है. दिलचस्प बात यह है कि इन हाथियों ने क्षेत्र के 8 से 10 किसानों के खेतों में धान फसल को कुचल दिया है. फसल खराब होने से किसान संकट में हैं. इन हाथियों के झुंड से बचाने की मांग अब जोर पकड़ रही है.

    दो सप्ताह से गढ़चिरोली जिले से गोंदिया जिले में दोबारा प्रवेश करने वाले हाथियों ने अर्जुनी मोरगांव तहसील में काफी आतंक मचा रखा है. तहसील के नवेगांवबांध वन क्षेत्र, अर्जुनी मोरगांव वन क्षेत्र और देवरी तहसील के चिचगड़ वन क्षेत्र में इन हाथियों के निरंतर आतंक के कारण इन क्षेत्रों के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस दौरान ग्राम दाभना के पंढरी ताराम, चैतराम ताराम, यशवंत ताराम, जगन ताराम और प्यारेलाल ताराम आदि किसानों ने धान की मलनी कर रखी थी.

    कृषि भूमि में नमी के कारण ट्रैक्टर खेत से गांव तक नहीं आ पाता है, तब तक धान सूख जाएगा और खेत की जमीन की नमी खत्म हो जाएगी, तब किसानों ने धान को घर ले जाने की नीयत से धान की बोरियां खेत में रख दी. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि हाथियों का झुंड आकर उनके धान को नष्ट कर देगा. हालांकि, जंगली हाथी शनिवार की रात सुकडी गांव की ओर आ गए और उनके खेतों में धान को नुकसान पहुंचाया. प्रारंभिक जानकारी है कि उन्होंने करीब 150 बोरी धान बिखेर दिया और पता चला कि हाथियों का यह झुंड बाराभाटी नाले से ब्राम्हणटोला, चापटी, पिंपलगांव की ओर निकला ऐसा जानकारी है.

    सपने बिखर गए

    मौसम खत्म हो गया है, बारिश के दिन चले गए हैं. किसान परिश्रम कर वर्ष भर खेतों में रहा. खेत की आमदनी से वर्ष भर का जुगाड़ होमगा यह सपना संजोए हुए था. मलनी किए हुए धान की बोरियां भर दी गईं. धान घर ले जाने के लिए ट्रैक्टर की तलाश की जा रही थी. खेत में धान से भरे बोरे पड़े थे. शनिवार की रात हाथियों का झुंड आया और  देखते ही देखते किसानों का सपना चकनाचूर हो गया.

    मुआवजा दें

    पूर्व सरपंच डा. दीपक रहिले ने बताया कि रविवार को वन विभाग के कर्मचारियों ने क्षतिग्रस्त धान का निरीक्षण किया. नुकसान का आकलन करने के लिए वन रक्षक, पटवारी और कृषि सहायक की तीन स्तरीय समिति है. उनके द्वारा शीघ्र ही पंचनामा तैयार किया जाए व हाथियों के झुंड से क्षतिग्रस्त धान का तत्काल मुआवजा दिया जाए.