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    गोंदिया. पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए सामाजिक वनीकरण तथा विभिन्न योजनाओं के तहत पेड़ लगाओ, पेड जगाओ का नारा देते हुए लाखों पौधे रोपे गए लेकिन मनरेगा के रोजगार सेवकों की हड़ताल के कारण पेड़ जगाने व लगाने वाले मजदूरों ने मुंह फेर लिया है. इस कारण सामाजिक वनीकरण की पौधों की नर्सरियां पानी के अभाव में सूख रही हैं. यदि इसी तरह स्थिति बनी रही तो पौधों की नर्सरियां सूखकर नष्ट हो जाएगी.

    जानकारी के अनुसार सामाजिक वनीकरण तथा मनरेगा के तहत सरकारी तथा निजी जमीन पर पौधों का रोपण कर हरियाली निर्माण करने का काम किया जाता है. पौधों का रोपण करने के लिए सामाजिक वनीकरण विभाग की ओर से लाखों पौधों की नर्सरी का निर्माण किया जाता है. जहां पर सैकड़ों की संख्या में मजदूर पौधों को पानी तथा पौधों का संवर्धन करने के लिए काम पर लगे रहते हैं. लेकिन अब शासन ने इन कामों में पारदर्शिता लाने के लिए मोबाइल एप के माध्यम से मजदूरों की हाजिरी ऑनलाइन कर दी है.

    इसका विरोध मनरेगा के ग्राम रोजगार सेवकों ने कर पिछले 10 दिनों के पूर्व से हड़ताल शुरू कर दी है. इस कारण काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी नहीं लग रही है. हाजिरी नहीं लगने से मजदूरों ने भी काम करना छोड दिया है. सामाजिक वनीकरण द्वारा लगाई गई नर्सरियां पानी के अभाव में सूखने लग गई हैं. यदि इसी तरह समस्या बनी रही तो लाखों पौधे नष्ट हो जाएंगे.