SP office ceiling dripping

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    गोंदिया. जिला मुख्यालय में पूर्व छोर पर जिलाधीश कार्यालय परिसर के पीछे कर्मचारियों के निवास के लिए बड़े पैमाने पर शासकीय क्वाटर्स निर्माण किए गए है. लेकिन उनमें वर्षों के बाद भी अब तक अधिकारी व कर्मचारी नहीं गए हैं. जिससे क्वाटरों की सामग्रियों की चोरी हो रही है. कर्मचारी मुख्यालय में रहें इसके लिए करोड़ों रु. की निधि खर्च कर क्वार्टर्स का निर्माण किया गया. इसके बावजूद कर्मचारी इन क्वार्टर्स में रहने के लिए इच्छुक नहीं है.

    शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के लिए शासकीय क्वार्टर्स तैयार किए गए हैं. जबकि इन क्वार्टर्स में अधिकारी कर्मचारियों के नहीं रहने से क्वार्टर्स जानवरों के गोठों में तब्दील हो रहे हैं. इस स्थान पर अधिकारी कर्मचारी स्वयं नहीं रहकर उन्होंने अपने जानवरों को बांध रखा है. इसी परिसर में जिलाधीश का भी निवास है. इस तरह शासकीय निर्माण स्थल पर किस तरह के हालात बने हुए हैं इसका पता चलता है.  उल्लेखनीय है कि गोंदिया जिले की स्थापना 1 मई 1999 में हुई थी. यह जिला नक्सलग्रस्त जिला है.

    आज भी इस  स्थान पर अधिकांश अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय में रहने की बजाए बाहर से अप डाउन करते हैं. जिले के अधिकारी व कर्मचारियों के लिए करोड़ों रु. खर्च कर जिप ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग के माध्यम से शासकीय क्वार्टर्स का निर्माण कराया है. इन क्वार्टर्स में कोई भी नहीं रह रहा है. जिससे संपूर्ण क्वार्टर्स परिसर हॉरर सिनेमा के खंडहर जैसे दिख रहे हैं.

    जानवरों का तबेला

    इन क्वार्टर्स में किसी के नहीं रहने से खाली पड़े क्वार्टर्स में तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे ने गीर प्रजाति की गाय पाल रखी थी. लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद उन्होंने गाय उनकी होने की बात से इंकार कर दिया था. इसी तरह दूसरे क्वार्टर्स में जिप स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने भी इसी तरह अपनी भैस  क्वार्टर्स में बांध रखी है. जिससे कर्मचारियों के क्वाटर्स तबेला बने दिखाई दे रहे हैं.