Kerala: Five-year-old girl killed, 2 others injured in wild elephant attack
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    नवेगांव बांध /अर्जुनी मोरगांव.  नवेगांव बांध वन परिक्षेत्र के नियत क्षेत्र जब्बारटोला कक्ष क्र. 197 के आरक्षित वन में झांसीनगर उपसा सिंचाई नहर के पास हाथी के हमले में ग्राम तिडका निवासी सुरेंद्र जेठु कडईबाघ (52) की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई वहीं जोहरु कोरेटी (45) घायल हो गया. तहसील में 29 सितंबर से जंगली हाथियों का झुंड देखा जा रहा है. तिडका आदिवासी बहुल क्षेत्र में उपजीविका के लिए खेती ही एक मुख्य व्यवसाय है.

    हाथियों से हो  रही फसल के नुकसान की जानकारी वन विभाग को देकर तथा उसकी रक्षा के लिए संपूर्ण ग्रामवासियों ने एकत्र होकर डफली बजाते हुए मशाल जलाकर हाथियों के झूंड को जंगल में भगाया. इन हाथियों से खेती का कितना नुकसान हुआ है उसे देखने 25 से 30 आदिवासी किसान खेत परिसर में गए थे. जिन्हें देख आराम कर रहे हाथियों ने  उन लोगों पर हमला कर दिया. जिसमें सुरेंद्र कडईबाघ की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई और जोहरु कोरेटी घायल हो गया.

    घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे व मृत किसान का शव पोस्टमार्टम के लिए नवेगांव बांध के ग्रामीण अस्पताल भेजा गया. घायल कोरेटी को ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह घटना वन विभाग की सतर्कता के अभाव होने का आरोप  लगाया जा रहा  है. जंगली हाथी, बाघ व हिंसक प्राणियों का बंदोबस्त वन विभाग ने करना चाहिए ऐसी मांग  की जा रही है. घटना के वक्त वन विभाग के कुछ कर्मचारी घटनास्थल पर उपस्थित थे लेकिन हमले के समय  वहां कोई नहीं था.  उन कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग किसान कर रहे है. 

    घटनास्थल पहुंचे वन परिक्षेत्राधिकारी

    हाथी के हमले की जानकारी मिलते ही वन परिक्षेत्राधिकारी रोशन दोनोडे अपनी टीम  व प्रकोष्ठ निष्कासन अधिकारी दादा राऊत के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वहां मृतक कडईबाघ के नाक, कान व मुंह से रक्त बह रहा था. वहीं उसके शव के पास हाथी के पैरों के निशान भी दिखाई दिए. उल्लेखनीय है कि गड़चिरोली जिले से लगभग 30 हाथियों का झूंड अर्जुनी मोरगांव तहसील में आया है. 

    घटना की जानकारी मिलते ही राज्य के वन मंत्री व पालक मंत्री सुधीर मुनगंट‍्टीवार ने घटना में मृत हुए व्यक्ति व घायल व्यक्ति के परिवार को तत्काल सहायता राशि देने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए. 

    उल्लेखनीय है कि 24 सितंबर से गोंदिया वन विभाग परिसर में जंगली हाथियों द्वारा प्रवेश करने की जानकारी सुरक्षा की दृष्टी से ग्राम के नागरिकों को वन विभाग द्वारा निरंतर दी जा रही है. वन विभाग के 60 से 70 कर्मचारी दिन रात हाथियों पर नजर रखे हुए हैं. उसी तरह हुए फसल नुकसान के पंचानमे कर नुकसान भरपाई दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. 

    मामले की गहन जांच कर मृत व्यक्ति के परिवार को शासन निर्णय अनुसार वन विभाग की ओर से 20 लाख रु. की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश वन मंत्री तथा जिले के पालक मंत्री सुधीर मुनगंट‍्टीवार ने दिए हैं. इस संदर्भ में वन विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई है. 

    वन विभाग की जनजागृती

    वन विभाग द्वारा नागरिकों से आव्हान किया जा रहा है कि अपने ग्राम तथा खेत परिसर में हाथियों का झुंड दिखाई देने पर घबराएं नही तत्काल वन विभाग को सूचना दें, ग्राम परिसर में इसकी जनजागृती कर मानव व वन्यजीवों के बीच संघर्ष न हो तथा नुकसान कम हो इसके लिए कोई भी देर शाम खेत परिसर में अकेले न रुके, रात के समय खेत में मुकाम न करें वहीं हाथियों को भगाने का प्रयास न करें. उसी तरह हाथियों का झुंड दिखाई देने पर उनके करीब न जाए, हाथियों के मार्ग को रोकने पर वे ज्यादा आक्रामक होते है ऐसा न करें. खेत फसल का नुकसान होने पर तत्काल आवेदन करें. वन विभाग द्वारा नुकसान भरपाई दी जाएगी.  ऐसा आव्हान उप वन संरक्षक कुलराज सिंह ने किया है.