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    • न्यायालय का निर्णय : जिले के 674 शिक्षकों को मिलेगा लाभ

    गोंदिया. जिला नक्सलग्रस्त है. जिससे 6 अगस्त 2002 के शासन निर्णय अनुसार नक्सलग्रस्त क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को उस क्षेत्र में कार्यरत रहने तक एक स्तर वेतन श्रेणी का लाभ दिया जाए ऐसा आदेश दर्ज है.

    प्रोत्साहन भत्ता 15 प्रश. या 1500 रु. लागू किए जाए इसके लिए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोंदिया द्वारा नागपुर हायकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुक्रे व अनिल पानसरे ने इस वेतन श्रेणी को कायम रखने के आदेश दिए है. जिससे गोंदिया जिले के 674 कर्मचारियों को एक स्तर वेतन श्रेणी का लाभ मिलेगा.

    आदिवासी व नक्सल दुर्गम क्षेत्र में सेवा देने के लिए कर्मचारियों को राज्य शासन ने 6 अगस्त 2002 के शासन निर्णय अनुसार कर्मचारी आदिवासी व नक्सल क्षेत्र में कार्यरत रहने तक उन्हें एक स्तर वेतन श्रेणी देने का प्रावधान किया. लेकिन 10 या 12 वर्ष सतत सेवा के बाद कालबद्ध वेतन श्रेणी लागू कर एक स्तर वेतन श्रेणी का लाभ बंद किया जाता है. इतना ही नहीं अतिरिक्त प्रदान दिखाकर उस संबंध में वसूली कार्रवाई के आदेश जारी किए गए.

    इसके खिलाफ महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोंदिया ने अनेक वर्षो से शुरू रहने वाले पारंपरिक निर्णय के खिलाफ शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र कटरे, विभागीय अध्यक्ष नूतन बांगरे, महासचिव अनिरूद्ध मेश्राम के मार्गदर्शन में किशोर बावनकर, पी.एम. मेश्राम व राहुल कोतमवार ने 674 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने जिप की कार्रवाई के खिलाफ एड. प्रदीप क्षीरसागर के माध्यम से हायकोर्ट में याचिका दाखिल की. इस हायकोर्ट ने राज्य शासन व जिप गोंदिया को नोटिस दिया.

    इसमें याचिकाकर्ता शिक्षक व अन्य कर्मचारियों को एक स्तर वेतन श्रेणी कायम रखने के अंतरिम आदेश दिए. कोई भी अतिरिक्त प्रदान रकम की वसूली न करें. ऐसा अंतरिम आदेश हायकोर्ट ने दिया. जिससे आदिवासी नक्सल क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों को राहत मिली है.

    इस प्रकरण में सरकार का पक्ष एड. दीपक ठाकरे ने रखा है. इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के विजय डोये, योगेश्वर मुंगूलमारे, केदार गोटेफोडे, विनोद लिचडे, गौरीशंकर खराबे, सचिन राठोड, अरविंद उके, चंद्रशेखर दमाहे, शंकर चव्हान सहित अन्य शिक्षकों ने सहयोग किया.