Maharashtra-Police

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    सालेकसा. शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का महत्वपूर्ण कार्य पुलिस विभाग के पास होता है. जिससे अपराध व अपराधी, दोनों के साथ सक्षम तरीके से निपटा जा सकता है. इसके लिए पुलिस विभाग सज्ज व पर्याप्त होना आवश्यक है. लेकिन केवल 3 पुलिस 102 गांवों को संरक्षण देने का काम कर रहे है.

    ऐसे समय अपराध पर अंकुश लगाना कठीन होता है. इसमें भी छोटे से कमरे में पुलिस चौकी बनी है जहां वर्षो से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. आदिवासी व नक्सलग्रस्त क्षेत्र के रूप में परिचित और महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसे सालेकसा तहसील को हमेशा विकास के संदर्भ में दुर्लक्ष किया गया है.

    शासन से लेकर प्रशासन तक हर स्तर पर सालेकसा तहसील से मुंह फेरा गया है. जिससे विकास की लाईन पर तहसील नहीं आई है. जनप्रतिनिधि अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त रहते है. पिछले अनेक वर्षो से साकरीटोला स्थित पुलिस स्टेशन का प्रस्ताव धूल खाते पड़ा है. इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. सालेकसा तहसील अंतर्गत साकरीटोला (सातगांव) में पुलिस स्टेशन है.

    इस मांग का प्रस्ताव मंत्रालय तक पहुंचाया गया. जबकि इस प्रस्ताव पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस क्षेत्र की पुलिस चौकी अंतर्गत 102 गांवों का समावेश है. इसमें सालेकसा, आमगांव व देवरी यह तीनों तहसीले शामिल है. इन गांवों के लिए केवल 3 पुलिस कर्मचारी कार्यरत है. जिससे अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए यंत्रणा नाकाम  साबित हो रही है.

    नागरिकों को पुलिस स्टेशन की प्रतीक्षा

    कोई अपराधिक घटना होने पर पुलिस विभाग को सालेकसा से पहुंचने के लिए विलंब होता है. वहीं मामुली रिपोर्ट करने के लिए नागरिकों को सालेकसा पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है. जिससे अनेक बार शिकायत करने की अपेक्षा नहीं देना ठीक है. यह मानकर शिकायत नहीं की जाती है. शिकायत कर भी दी तो जांच करने में विलंब होता है.

    जिससे पुलिस स्टेशन के अभाव में नागरिक त्रस्त हो गए है. सैकड़ों गांव होने के बावजूद केवल 3 पुलिस कर्मचारी कार्यरत है. जबकि पुलिस उपनिरीक्षक सहित 5 पुलिस व एक महिला पुलिस की आवश्यकता है. इसमें भी पुलिस चौकी में अनेक बार पुलिस नहीं रहती है. इस सब के चलते नागरिकों को पुलिस स्टेशन की प्रतीक्षा है.