जिले में 10 जनवरी से धान खरीदी बंद, जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

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    गोंदिया. खरीफ मौसम की इस बार धान खरीदी की शुरुआत हो गई. पालकमंत्री के हस्ते जिले के आसपास गारंटी भाव धान खरीदी केंद्रों का विधिवत उद्घाटन किया गया है. इसके बाद जिले के जनप्रतिनिधियों ने केंद्र शुरु करने का सिलसिला शुरु कर दिया है. लेकिन धान खरीदी करने वाली संस्था की समस्या अब भी कायम है. गोदाम में संग्रह किए धान को विलंब से उठाया जा रहा है.

    जिससे होने वाली घट की जिम्मेदारी शासन फेडरेशन पर निश्चित करें. इससे धान खरीदी करने वाली संस्थाओं को घाटा सहन नहीं करना पड़ेगा. ऐसी मांग जिला धान खरीदी संस्था संघ के अध्यक्ष ने शासन से की थी. इसके बावजूद संस्थाओं ने धान खरीदी केंद्र शुरु किया. लेकिन निर्देश के बाद भी धान को नहीं उठाए जाने से स्टाक कहां करें इस विषय को लेकर संस्था संघ के पदाधिकारियों ने 10 जनवरी तक धान को नहीं उठाने पर धान खरीदी बंद करने का संकेत जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से दिया है.

    इसमें सहकार विभाग द्वारा धान खरीदी संस्थाओं को खरीदी केंद्र के लिए लादी गई कठीन शर्त और उसी में खरीदी किए धान को तत्काल उठाया जाए. राईस मिलर्स को अब तक दिए आदेश सहित अन्य मांगों के लिए धान खरीदी संस्था समस्याओं से जुझ रही है. इसके अलावा इस बार के मौसम में अनेक कठीन शर्तो का समावेश किया गया है.

    विभिन्न प्रकार की संस्थाओं से धान खरीदी करने वाली संस्था संकट में है. अनेक राईस मिलर्स ने अब तक धान नहीं उठाया है. जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए धान खरीदी करने वाली संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है. सन 2020-21 में धान खरीदी 1 नवंबर से 30 अप्रेल तक की गई.

    लेकिन धान मिलिंग के लिए धीमी गति से उठाने पर 16 से 17 प्रश. गिला व नवंबर दिसंबर में खरीदी किया धान ग्रीष्मऋतु में उठाने से हर एक संस्था को धान उठाने के बाद 3 से 4 प्रश. की घट हुई. केंद्र सरकार ने धान उठाने के लिए 2 माह की अवधि दी है. इसमें 1 प्रश. घट का समावेश है. जबकि कुछ वर्षो से शासन ने 1 प्रश. घट देना भी बंद किया है. जिससे सब एजेंट संस्था पर घट की जिम्मेदारी डालकर संस्थाओं का शोषण किया जा रहा है.

    इसी तरह पुन: घट की वसूली उस मौसम में आधारभूत कीमत के डेढ़ प्रश. रकम वसूल कर निर्धारित की जा रही है. जिससे इस योजना में काम करने वाली संस्था पर फेडरेशन की राशि बकाया है. विलंब से उठाने पर होने वाली धान घट की जिम्मेदारी शासन फेडरेशन पर निश्चित करें. इसी तरह जितनी अवधि धान गोदाम में होता है उस अवधि का गोदाम किराया शासन यह मालिकों को प्रदान करें. इसी में शुरु मौसम में धान खरीदी की ईच्छा नहीं होने पर भी संस्था ने शुरु की है.

    लेकिन शासन के निर्देश के बाद भी धान को नहीं उठाया गया है. इस समय प्रतिनिधि मंडल में संस्था के अध्यक्ष प्रवीण बिसेन, रमेश गौतम, रमेश चुरहे, उमेंद्र भेलावे, बाबा चौधरी, सुरेश गनधाडे, तुषार हरडे, पिंटू रहांगडाले आदि उपस्थित थे.

    76 केंद्रों पर होगा असर

    जिला मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल द्वारा जिले में धान खरीदी की जाती है. दोनों सब एजेंट संस्था की मांगे व समस्या एक जैसी है. लेकिन गोंदिया जिले में धान खरीदी संस्था संघ द्वारा धान जनवरी तक अवधि दी गई है. इसमें जिला मार्केटिंग फेडरेशन की 76 संस्थाओं का समावेश है. यदि मांगों की पूर्ति नहीं की गई तो किसानों सहित इन संस्थाओं पर असर पड़ेगा.