Representational Pic
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    गोंदिया. इस वर्ष गोंदिया जिले के धान उत्पादक किसान किसी न किसी वजह से लगातार संकट का सामना कर रहे हैं. 2021-22 के ग्रीष्मकालीन रबी के मौसम में धान का बंपर उत्पादन हुआ. जिससे किसान उत्साहित थे, लेकिन शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी की सीमा निर्धारित किए जाने के कारण देर से शुरू हुए शासकीय धान खरीदी केंद्रों को धान खरीदी के लिए 15-20 दिनों का समय ही मिल पाया. लेकिन खरीदी की सीमा निश्चित किए जाने के कारण इससे पहले ही धान खरीदी का काम संस्थाओं द्वारा बंद कर दिया गया क्योंकि खरीदी का कोटा पूरा होने के बाद पोर्टल ही बंद हो गया था.

    अभी भी हजारों किसानों के पास लाखों क्विंटल धान पड़ा है. जबकि धान खरीदी का समय खत्म हो गया है. इसके कारण खरीफ मौसम में लगने वाले खर्च के साथ ही अपने पारिवारिक खर्चों के लिए किसानों को अपना धान 1200 से 1300 रु. प्रति क्विंटल की दर से निजी व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है. जबकि धान का शासकीय समर्थन मूल्य 1940 रु. प्रति क्विंटल है.

    इस तरह किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इस वर्ष तक महाराष्ट्र मार्केटिंग फेडरेशन के 107 धान खरीदी केंद्रों पर 24 हजार 126 पंजीकृत किसानों से 13 जून को खरीदी बंद होने तक 10 लाख 63 हजार 468 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी. समर्थन मूल्य के अनुसार खरीदे गए धान की कीमत 206 करोड़ 31 लाख 28 हजार 540 रु. होती है. जिसमें से अब तक किसानों को भुगतान के लिए प्रधान कार्यालय से 205 करोड़ 33 लाख 99 हजार 440 रु. प्राप्त हुए हैं.

    इनमें से अब तक 23 हजार 524 किसानों को 201 करोड़ 43 लाख 69 हजार 356 रु. का भुगतान किया जा चुका है. अब 602 किसानों को 4 करोड़ 87 लाख 59 हजार 184 रु. का भुगतान किया जाना बाकी है. इसमें कुछ भुगतान तकनीकी कारणों से भी रूका हुआ है. प्रधान कार्यालय से प्राप्त राशि में से फेडरेशन के पास अभी भी 3 करोड़ 90 लाख 30 हजार 83 रु.  बकाया है. अब 602 किसानों को 4.87 करोड़ रु. के भुगतान का इंतजार है. उनका कहना है कि, यह राशि यदि जल्द मिल जाए तो उन्हें खरीफ मौसम में साहूकार अथवा दूसरों से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा.

    सहायक मार्केटिंग अधिकारी अजय बिसने ने बताया कि जिला मार्केटिंग फेडरेशन को 205 करोड़ 34 लाख रु.  उपलब्ध कराए गए थे. जिनमें से 201 करोड़ 43 लाख रु. का भुगतान किया जा चुका है. किसानों के लगभग 5 करोड़ रु. का भुगतान किया जाना बाकी है. इसकी भी प्रक्रिया चल रही है. शीघ्र ही सभी किसानों को उनके द्वारा बिक्री किए गए धान की कीमत उनके बैंक खातों में अदा कर दी जाएगी.