इतवारी से गोंदिया होते हुए दुर्ग के लिए एक ही पैसेंजर ट्रेन होने से यात्री परेशान

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    • पांव रखने के लिए भी नहीं रहती जगह

    गोंदिया. फिलहाल एक ही पैसेंजर ट्रेन होने से यात्रियों को नागपुर से गोंदिया होते हुए  रायपुर जाने में काफी परेशानी हो रही है. छोटे मोटे गांव जाने के लिए यात्रियों को लोकल ट्रेनों का सहारा लेना पडता है लेकिन कोरोना के कारण रेल विभाग ने एक ही पैसेंजर ट्रेन को शुरू रखा है.

    कोविंड से पहले इतवारी रेलवे स्टेशन से दुर्ग, रायपुर के लिए एक से अधिक पैसेंजर ट्रेन हुआ करती थी. लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया, लेकिन राहत मिलने से एक के बाद एक एक्सप्रेस और सुपर फास्ट गाड़ियां शुरू हो गई लेकिन इतवारी से रवाना होने वाली पैसेंजर गाड़ियों पर अब भी लॉकडाउन लगा हुआ है.

    दुर्ग, भिलाई और रायपुर के लिए एकमात्र पैसेंजर ट्रेन चल रही है. यह ट्रेन इतवारी से ही इतनी भर जाती है की कई यात्रियों को खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ती है. पहले इतवारी से चक्रधरपुर तक सुबह करीब 7 बजे पैसेंजर ट्रेन  हुआ करती थी जो कामकाजी लोगों व  छात्रों के लिए भी उपयुक्त थी. गोंदिया करीब 10-11 बजे तक पहुंचने के कारण अनेक नौकरीपेशा लोग इसका उपयोग करते थे. दरेकसा महाराष्ट्र का अंतिम स्टेशन आता है. इसके बाद छत्तीसगढ़ की सीमा लग जाती हैं.

    बेतहासा भीड होती है यात्रियों की 

    पैसेंजर ट्रेन सभी स्टेशनों पर रुकने के कारण ही इसमें तारसा, भंडारा,तुमसर, तिरोडा, गोंदिया, गुदमा, आमगांव, सालेकसा, दर्रेकसा, बोरतलाव, पनियाजोब  जाने वाले यात्री यात्रा करते हैं. लेकिन वर्तमान में एकमात्र पैसेंजर ही रह गई है. इतवारी-दुर्ग पैसेंजर दोप.3 बजे छूटती है.

    इससे करीब 1 घंटा पहले ही ट्रेन प्लेटफार्म पर लग जाती है. जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर लगती है, उसके कुछ ही मिनटों में पूरे डिब्बे खचाखच भर जाते हैं और  बाद आने वाले यात्रियों को खड़े-खड़े सफर करना पड़ता है. इन दिनों एसटी की हड़ताल होने से इस ट्रेन में भीड़ कुछ ज्यादा ही हो गई है. कामठी के बाद तो यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे होते हैं. इसके बाद भी लोगों को मजबूरी में यात्रा करना पड़ता है. सीट मिल जाये, इसके लिए यात्री 12 बजे से ही इतवारी स्टेशन पर पहुंचने लगते हैं.

    वसूला जा रहा एक्सप्रेस का किराया

    कोविड की राहत के बाद जब से उक्त पैसेंजर गाड़ी शुरू हुई है, तब तक से किराया भी बढ़ गया है. इसके लिए एक्सप्रेस गाड़ी का किराया वसूला जा रहा है. यानी पहले टिकट का जितना भाड़ा था अब लगभग दोगुना हो गया है. यानी किराये में तो वृद्धि कर दी गई लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं है.

    इतवारी दुर्ग पैसेंजर में केवल 8 बोगियां हैं. इस वजह से भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों का कहना है कि जब एक्सप्रेस गाड़ियां शुरू कर दी गई है तो फिर इस रूट पर पैसेंजर गाड़ियां क्यों शुरू नहीं की जा रही है ? जबकि इस रूट पर यात्रियों की संख्या अधिक रहती है. मां बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा ही रहती है.

    महाराष्ट्र से जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. आमगांव से लगे हुए मध्य प्रदेश के ग्रामीण भागों के यात्रियों के लिए पैसेंजर गाड़ियां सुविधाजनक होती है. यात्रियों के द्वारा  इस रूट पर और पैसेंजर ट्रेनों को  पूर्ववत करने की मांग की जा रही है.