महाविकास आघाड़ी सरकार का निषेध, ओबीसी राजनीतिक आरक्षण का मुद्दा गरमाया

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    गोंदिया. शिवसेना, कांग्रेस व राकां आघाड़ी सरकार की लापरवाही से धुले, नंदुरबार, अकोला, वाशिम, पालघर व नागपुर में चुनाव घोषित हो गया है. सरकार ने समय पर इंपेरियल डाटा न्यायालय को दिया होता तो आज  ओबीसी बंधुओं पर चुनाव से दूर होने की नौबत नहीं आती  लेकिन  आघाड़ी सरकार को ओबीसी के आरक्षण जानबुझकर हटाना था.

    जिससे  न्यायालय में इंपेरियल डाटा नहीं दिया गया व ओबीसी का आरक्षण समाप्त हो गया. इसी तरह इस सरकार ने पिछडा वर्ग का आयोग नियुक्त करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की. केवल ओबीसी समाज को विश्वास पर रखकर चुनाव से दूर कर दिया. जिससे विश्वासघात करने वाली सरकार का   भाजपा ओबीसी मोर्चा ने निषेध करते हुए जब तक राज्य में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण लागू नहीं होता. तब तक स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव न कराए ऐसी मांग की गई.

    इस संबंध में उपविभागीय अधिकारी वंदना सवरंगपते के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया. पूर्व जिप  अध्यक्ष नेतराम कटरे, जिला महामंत्री संजय कुलकर्णी, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष धनलाल ठाकरे, दवनीवाडा मंडल अध्यक्ष धनेंद्र अटरे,  जिला उपाध्यक्ष नंदकुमार बिसेन,  अशोक हरिणखेडे, मनोज मेंढे, देवचंद नागपुरे, गजेंद्र फुंडे, योगराज रहांगडाले, बाबा बिसेन, मनोज पटनायक, सोनू कुथे, गोल्डी गावंडे, शैलेश तूरकर, आत्माराम दसरे, संजय गौतम, संतोषकुमार गौर, रतनलाल बघेले, देवलाल पटले आदि उपस्थित थे.