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    गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल नाशिक के प्रादेशिक कार्यालय भंडारा ने उप प्रादेशिक व्यवस्थापक कार्यालय को खरीफ मौसम 2022-23 में धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित कर पत्र भेजा है. जिसमें दिए गए लक्ष्य के अनुसार प्रत्येक किसान से केवल 28 क्विंटल धान की खरीदी की जा सकेगी. जिससे अधिक खेती वालों ने अपने धान की बिक्री कहा करे. ऐसा सवाल खड़ा हो गया है. इससे किसानों से भी असंतोष निर्माण हो गया है.

    गोंदिया जिला धान के जिले के रूप में संपूर्ण राज्य में पहचाना जाता है.  जिले की अर्थ व्यवस्था खेती पर व उसमें भी धान की खेती निर्भर है. वर्ष में मिनीमम 1300 मिमी बारिश दर्ज की जाती है. जिससे जिले में धान की खेती को प्राथमिकता दी जाती है लेकिन बारिश के दगा देने व कीड रोग से धान फसल का उत्पादन पर्याप्त नहीं हो पाता है. कभी कभी बारिश से उत्पादन से वंचित रहना पड़ता है. इसी में व्यापारी अत्यंत कम दर से धान की खरीदी करते हैं. जिससे किसानों का लागत खर्च भी निकलना मुश्किल होता है.

    किसानों को अच्छी दर मिले. इसके लिए शासकीय हमी भाव से शासन धान की खरीदी करता है. जिले में जिला मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से धान खरीदी की जाती है. इस समय धान कटाई व मडणी शुरू है. जबकि धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुए है राजनैतिक पार्टियों के आग्रह पर 1 नवंबर से धान खरीदी केंद्रों को मान्यता दी गई. इसी में पिछले दो वर्षो में जिले में खरीदी केंद्रों पर हुए घोटालों से विवाद निर्माण हो गया था इसके बाद शासन ने कडे व पारदर्शक कदम उठाए हैं.

    आदिवासी विकास महामंडल द्वारा मंजूरी दिए गए सब एजेंट सहकारी संस्थाओं को खरीदी का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. उसकी सूची महामंडल ने उप प्रादेशिक कार्यालय को भेजी है. जिसमें दिए गए लक्ष्य का पूर्णत: पालन करने कहा गया है लेकिन भेजे गए पत्र में खरीदी का लक्ष्य अत्यंत कम है. प्रति किसान 28 क्विंटल इतने ही धान की खरीदी की जाएगी. जिससे किसान के पास अधिक जमीन है वह किसान अपने पास के धान की बिक्री कहां करेगा ? ऐसा सवाल उपस्थित हो गया है.

    महामंडल ने भेजे पत्र के अनुसार देवरी कार्यालय अंतर्गत 25 धान खरीदी केंद्रों पर 18271 किसानों ने 23265.321  हेक्टर खेत जमीन का पंजीयन किया है. इन किसानों से 7  लाख 2 हजार 7 क्विंटल धान खरीदी की जाएगी. वहीं नवेगांवबांध कार्यालय अंतर्गत 16 हमी भाव खरीदी केंद्रों पर 13052 किसानों ने 13810.813 हेक्टर जमीन का ऑनलाइन पंजीयन किया है. जिससे इन किसानों से 2 लाख 97 हजार 993 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी. यह तो किसानों के साथ खेल करने व किसानों में भ्रम निर्माण करने वाला निर्णय है ऐसा किसानों का कहना है. 

    किसानों के साथ मजाक बर्दाश्त नहीं – कोरोटे 

    इस संबंध में विधायक सहसराम कोरोटे ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते  हुए बताया कि आदिवासी विकास महामंडल ने धान खरीदी करने वाली संस्थाओं को खरीदी का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है लेकिन दिए गए लक्ष्य में एक किसान से केवल 28 क्विंटल धान खरीदी करने के निर्देश देने से राज्य शासन किसान हित का न होकर व्यापारियों के हित का दिखाई दे रहा है. किसानों के साथ मजाक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव वाघमारे से वे भेंट करेंगे. इतना ही नहीं शासन ने निर्णय नहीं बदला तो हम सड़क पर उतरेंगे.