Rain with thunderstorm in Gondia, power failure, loss of crops

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गोंदिया. 18 मार्च की सुबह गोंदिया शहर सहित जिले में बिजली, आंधी के साथ बेमौसम बारिश ने दस्तक दी. कई गांवों में ओले गिरे. हवा के साथ सुबह लगभग 7.30 बजे से 8 बजे के बीच हर तरफ अंधेरा छा गया. मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान के अनुसार जिले में बीते दो दिनों से आसमान में बादल छाये हुए हैं और 18 मार्च शनिवार को सुबह जिले के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. कुछ जगहों पर तेज बारिश हुई. जिससे विभिन्न फसलों के नुकसान का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. 

सालेकसा व देवरी तहसील परिसर में बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बारिश हुई. तिरोड़ा, सड़क अर्जुनी, मोरगांव अर्जुनी तहसील के कुछ इलाकों में बारिश हुई. बिजली की गरज के साथ बारिश होने से जिले के अधिकांश हिस्सों में विद्युत आपूर्ति भी बाधित रही. अचानक हुई बेमौसम बारिश से जिले में गेहूं, चना, उड़द समेत अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग ने 17 मार्च को गोंदिया जिले में भारी बारिश की संभावना जताई थी. 

शहर के निचले इलाकों में भरा पानी

18 मार्च को तड़के 4 बजे से तेज हवाओं को दौर शुरू हो गया इसके साथ ही  हुई बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ. सुबह 8 बजे तक शहर कोहरे की चादर में लिपटा रहा. शहर के कई निचले इलाकों में पानी जमा हो गया. अनेक वार्डो में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ी. जिन क्षेत्रों में भूमिगट गटर योजना का काम शुरू है उन रास्तों पर कीचड़ होने से वाहन चालकों सहित नागरिकों को परेशानी हुई. 

बेमौसम बारिश से कहीं लाभ तो कही नुकसान 

तिरोड़ा तहसील में 18 मार्च को सुबह से ही जोरों से बेमौसम बारिश हुई. इससे किसानों के खेतों में कटाई पर आई गेहुं, चना फसलों को नुकसान होगा तो आम के पेड़ों पर लगे छोटे आम तेज हवाओं से गिर पड़े. जिससे किसानों को मिलने वाली आमदनी का नुकसान होगा. सागभाजी जो गरमी के मौसम में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधाएं है उन्होंने लगाई है जिस पर बदरीला मौसम रहने से इल्लियों का प्रभाव बढ़कर फलफुल गलने लगे. इसका असर उत्पादन कम होकर मंडियों की आवक कम होगी व दाम बढेंगे. जिसका असर आम नागरिकों के जेब पर पड़ेगा.

Rain with thunderstorm in Gondia, power failure, loss of crops

दूसरी ओर बदरिला मौसम रहने से रबी धान पर खोडकिडा जैसी भयानक बीमारी ने अपना कब्जा जमाया है. अब इसका प्रकोप और अधिक बढ़ सकता है. वैसे भी इस वर्ष किसानों ने रबी धान की रोपाई की है तब से खोडकिडा नामक बीमारी का प्रकोप काफी बड़े पैमाने पर फैला हुआ होने से किसानों को इस बीमारी के रोकथाम के लिए किटनाशकों को उपयोग करना पड़ रहा है.

इससे महंगे किटनाशकों से उसकी जेब पर काफी तनाव निर्माण हो गया लेकिन अपनी फसल बचाने व कर्जबाजारी भी हो गया तब भी वह पिछे नहीं हटता वहीं किसानों की दरीयादिली है. रबी धान जिन खेतियों में रोपाई की है उनमें पानी नहीं है उनमें पानी जमा हो गया व जनावरों के लिए चारा उगने के लिए यह वर्षा लाभादयक हो गई है. बारिश की रफ्तार तेज होने से हरे चारे की भी समस्या दूर होने में लाभदायक हुए. कुल मिलाकर कुछ लाभ तो कुछ नुकसान का खेल हुआ है. 

बेमौसम बारिश से किसानों पर आर्थिक संकट

जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों के सिर पर चिंता की सिलवटें खींच दी है. पिछले 2 तीन दिन से बदरिले मौसम के बाद आखिरकार 18 मार्च को सुबह 5 बजे बेमौसम बारिश दस्तक दी इससे जहां जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं खेतों में  फसल पर असर हो रहा है.  दलहन को भी खासा नुकसान पहुंचा है. बारिश से चने की फसल पर इल्ली का प्रकोप बढ़ रहा है. सबसे अधिक नुकसान गेहूं और सब्जी की फसल को हुआ है. राज्य  के साथ जिले में भी मौसम बदला हुआ है.

पिछले दो-तीन दिन से लगातार बदली और शनिवार की सुबह बिजली की गड़गडाहट के बारिश हुई.  इसका असर फसलों पर हुआ है. जिले में रबी सीजन में धान की फसल लगाई गई है. इसके अलावा गेहुं व सब्जीभाजी की फसल को नुकसान की संभावना व्यक्त की जा रही है. किसानों का कहना है कि इस साल सभी फसलों की अच्छी पैदावार के साथ अच्छी गुणवत्ता की फसल बाजार में आने की पूरी संभावना थी, लेकिन मौसम की मार ने फसलों की गुणवत्ता को खराब कर दिया. जो फसलें खेतों में लहरा रही थीं वही अब तेज हवा के कारण खेतों में आड़ी पड़ी हैं.