सड़कों की हालत गंभीर, जनप्रतिनिधियों की अनदेखी

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    गोरेगांव. तहसील के शहारवानी जिप क्षेत्र में अनेक वर्षों से सड़कों की हालत गंभीर बनी हुई है. इस जिप क्षेत्र से गोरेगांव शहर की ओर आने वाली अधिकतर सड़कें पूरी तरह उखड़ गई है. इसी सड़कों से हमेशा ही जनप्रतिनिधि गुजरते हैं लेकिन सड़कों की ऐसी जर्जर हालातों पर उनका ध्यान नहीं है. जिसके चलते क्षेत्र की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है.

    जहां आवागमन करना दुर्घटनाओं को न्योता देने जैसा है. उल्लेखनीय है कि गोरेगांव तहसील में शहारवानी जिप  यह क्षेत्र तिरोडा/गोरेगांव विधानसभा  में आता है. इसमें अनेक वर्षों से सड़कों की मरम्मत की समस्या ही रही है.  सड़कें अनेक ग्रामों को जोड़ती हैं जिसमें शहारवानी, कवलेवाडा, सटवा, डव्वा, बघोली, बोरगांव, पुरगांव जैसे ग्राम पंचायतें शामिल हैं.

    जिसमें डव्वा से सटवा जाने वाली सड़क पर अनेक गहरे गड्ढे बन गए हैं और  दुर्घटनाओं खतरा बढ़ गया है. उसी तरह सटवा से पुरगांव तथा पुरगांव से हिरडामाली की ओर जाने वाली सड़क भी पूरी तरह उखड़ गई है और वहां दुर्घटना होना आम बात है. यहां परेशान नागरिकों ने अनेकों बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मार्ग दुरुस्ती की मांग की लेकिन नागरिकों की इन महत्वपूर्ण  मांगों को दरकिनार करने का काम किया गया है. जिसमें इस मार्ग के निर्माण कार्य को अब तक मंजूरी नहीं मिली है .जबकि यह मार्ग 4 ग्राम पंचायतों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है.

    प्रतिदिन बडी संख्या में  नागरिक व विद्यार्थी इसी मार्ग से गोरेगांव  आनाजाना करते हैं लेकिन इस मार्ग की दुरुस्ती भगवान भरोसे ही लंबित है. उसी तरह पुरगांव से हिरडामाली वाली सडक गड्ढों से भरी पड़ी है और उसी वर्षों से इसी हाल है. लेकिन सड़क की इस जर्जर हालत पर किसी का ध्यान नहीं है. 

    शहारवानी जिप क्षेत्र में कवलेवाडा से कुराडी, बोरगांव से चौकीटोला, कवलेवाडा से बघोली, बघोली से गोरेगांव, तथा कवलेवाडा से सोनेगांव की सड़कें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. इस क्षेत्र से गोरेगांव शहर की ओर आने वाली अधिकतर सड़कें जर्जर अवस्था में है. इन जर्जर सड़कों की मरम्मत पर यहां स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.

    जिससे इन सड़कों के पुन: निर्माण पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. जिसके चलते शहारवानी जिप क्षेत्र के ग्रामवासियों की नजर इन जर्जर हालातों की सड़कों पर बराबर लगी हुई है जो आने वाले जिप व पंस के चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है.