गोंदिया: जिले में कोरोना व ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमण कम होने से 14 फरवरी से जिले की कक्षा पहली से कक्षा 7वीं तक ऑफलाइल पध्दति से शालाएं प्रत्यक्ष शुरू करने के आदेश जिलाधीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिया गया है। जिले की कक्षा पहली से 7वीं की कक्षा शुरू करने की जानकारी जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षाधिकारी महेंद्र मोटघरे ने दी है।
जिले में संक्रमण अधिनियम 1897, आपत्ती व्यवस्थापन कानून 2005 व फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 अनुसार प्रदान किए गए अधिकार के तहत जिले के विद्यार्थियों के लिए नियमित शाला ऑफलाइन पध्दति से शुरू रखना विद्यार्थियों के हित में रहेगा। इसके पूर्व कक्षा 8वीं से महाविद्यालय सहित शाला शुरू की गई थी। इसके साथ ही अब कक्षा पहली से 7वीं तक शालाएं 14 फरवरी से शुरू करने के आदेश दिए गए है। इसके लिए शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को आरटीपीसीआर टेस्ट करना बंधनकारक रहेगा।
विद्यार्थियों को बुखार, सर्दी, खांसी होने पर शाला में आने के लिए प्रतिबंध रहेगा। विद्यार्थी को शाला में आने के लिए उसके पालक से सहमति पत्र लेना शाला के लिए बंधनकारक रहेगा। पालकों की सहमति से इंकार पर विद्यार्थियों के लिए ऑफलाइन पध्दति से शैक्षणिक कक्षा शुरू रखी जाए, मैदान पर खेल, स्नेह सम्मेलन जैसे भीड के कार्यक्रम आयोजन करने पर बंदी रहेगी। विद्यार्थियों के पालकों के शत प्रतिशत टीकाकरण करने की दृष्टी से पालकों को प्रोत्साहन देकर जनजागृती की जाए, शाला, महाविद्यालय के परिसर की भीड टालने के लिए पालकों का शाला परिसर में प्रवेश टाला जाए। इसके साथ ही कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन किया जाए।
आदेश का भंग करने वालों पर कार्रवाई
गट शिक्षाधिकारी, विस्तार अधिकारी, केंद्र प्रमुख व अन्य पर्यवेक्षक यंत्रणा शालाओं को नियमित भेंट देकर निर्देशित नियमानुसार शाला शुरू होने की समय समय पर खात्री करे। इस आदेश का भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 अन्वये तथा आपत्ती व्यवस्थापन कानून 2005 की धारा अनुसार सजा के अपराध किया है ऐसा माना जाएगा। इसके साथ ही संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के प्रावधान अनुसार लागू की गई है।