न्याय नहीं मिला तो गणतंत्र दिवस पर आत्मदहन, बिना वजह कार्रवाई से त्रस्त युवक की चेतावनी

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    गोंदिया. जिले में गौण खनिज उत्खनन यह एक बड़ी समस्या है लेकिन इसमें कही न कही प्रशासन दोषी है. ऐसा आरोप सर्व सामान्य नागरिक लगा रहे हैं. इस आरोप से मुक्ति पाने के लिए जिला प्रशासन ने एक्शन मोड कार्रवाई के नाम पर दबावतंत्र का प्रयोग शुरू किया है. इस बीच खेत में समलीकरण के काम के लिए लगाई गई जेसीबी गोंदिया तहसील कार्यालय द्वारा बिना वजह जब्त की गई.

    उस स्थान पर कोई भी उत्खनन कार्य नहीं किया जा रहा था यह कार्रवाई ही सही नहीं है. जिससे न्याय के लिए सतत प्रयास किया गया. लेकिन अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने के लिए कार्रवाई को उचित बता रहे है. ऐसा आरोप एकोडी निवासी प्रमोद रिनाईत ने लगाते हुए चेतावनी दी है कि न्याय नहीं मिला तो वह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर जिलाधीश कार्यालय परिसर में पालकमंत्री के समक्ष आत्मदहन कर लेगा. ऐसा संकेत पत्रकारों के साथ चर्चा के दौरान दिया.

    इस समय राजेश तायवाडे, किसान मिथुन कटरे, महेंद्र पटले, बंटी रिनाईत आदि उपस्थित थे. प्रकरण के संदर्भ में प्रमोद ने बताया कि एकोडी से लगकर रामपुरी में मई 2021 में जमीन समतल करने के लिए खेती मालक महेंद्र पटेल ने प्रमोद रिनाईत की जेसीबी मशीन खेत में मंगाई थी. जिससे खेत में काम शुरू रहते समय मंडल अधिकारी एम.जे. रघुवंशी यह अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे व उन्होंने अवैध गौण खनिज उत्खनन होने का करण बताकर जेसीबी जब्त कर ली.

    इसके बाद तहसील प्रशासन ने उस पर 7 लाख 50 हजार रु दंड ठोक दिया. इस दंड की रकम का भुगतान करने पर जेसीबी सुपुर्द नामे पर देने की बात बताई गई लेकिन किसी भी प्रकार के अवैध गौण खनिज का उत्खन्न हुआ ही नहीं है. जिससे इतनी बड़ी रकम का भुगतान नहीं कर सकता, इसके लिए उसने  न्यायालय से न्याय मांगा, तहसील प्रशासन से आग्रह किया.

    इस प्रकरण में न्यायालय के निर्देश  पर तहसील प्रशासन ने प्रकरण की पुन: जांच कर निर्णय लिया. इसमें भी 8 महिने बीत गए है. जिससे आय अर्जित करने पर असर पड़ रहा है. इतना ही नहीं जेसीबी के लिए कर्ज का भुगतान नहीं होने से कर्ज का बोझ बढ़ गया है. इस प्रकरण में अपर तहसीलदार अनिल खडतकर ने निर्णय देकर 7 लाख 50 हजार रु दंड का भुगतान करने कहा है. जबकि उप विभागीय अधिकारी विश्वास सिरसाट ने इस प्रकरण की पुन: जांच करने के निर्देश दिए है.