
गोंदिया. कोरोना की दुसरी लहर के बाद जैसे-तैसे एक माह पूर्व लॉकडाउन में लगाए गए प्रतिबंध जिले में हटाए गए थे. जिससे राज्य परिवहन निगम के भी अच्छे दिन लौटने लगे थे. एसटी बसें फिर से गति पकड़ने लगी थी लेकिन लॉकडाउन लगने से उनकी गति बिगड़ गई. अभी सभी नियमित फेरियां शुरू नही हो पाई हैं. इतने में ही 28 जून से फिर सभी व्यवसाय प्रतिष्ठानों को सुबह 7 से शाम 4 बजे तक ही खुले रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
इस संबंध में एसटी डिपो के प्रवक्ता के अनुसार शाम 4 बजे तक ही बाजार खुला रहने के कारण शहर में आने वालों की संख्या पर निश्चित रूप से इसका असर पड़ेगा व नागरिक समय से पूर्व ही घर लौटने लगेंगे. इससे शाम के समय चलने वाली एसटी बसों की फेरियों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है. एसी बसें भी उन्हीं मार्गों पर चलाई जाएंगी जिस मार्ग पर यात्री मिलेंगे. शाम के समय यात्री न मिलने पर एसटी बसें चलाना मुश्किल होगा.
फिलहाल एसटी की कुल 108 बस फेरियां प्रतिदिन चल रही हैं जिसमें लगभग 58 फेरियां जिले से बाहर व 50 फेरियां जिला अंतर्गत चलाई जा रही हैं. 108 फेरियों के माध्यम से एसटी प्रतिदिन 19 हजार किमी. का सफर तय कर रही है व गोंदिया डिपो को इसके माध्यम से प्रतिदिन 4 से 5 लाख रु. की आय हो रही है. लेकिन अब लॉकडाउन के एक भाग के रूप में शाम 4 बजे तक ही प्रतिष्ठान आदि खुले रहने से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले व्यवसायी व खरीददार की संख्या कम होगी जिसका असर निश्चित रूप से एसटी बस सेवाओं पर पड़ेगा. विशेष रूप से जिला अंतर्गत चलाई जाने वाली बस फेरियां अधिक प्रभावित हो सकती हैं.
यात्रियों को कोरोना नियमों का पालन कराना मुश्किल
गोंदिया डिपो में फिलहाल 96 वाहक व 129 चालक कार्यरत हैं. जिनमें 29 महिलाओं का भी समावेश है. यात्रियों से भी मास्क आदि का उपयोग करने के लिए कहा जाता है. इसके बावजूद शासकीय नियमों का पालन करते हुए ही एसटी सेवा संचालित की जा रही है. उसी प्रकार एसटी बसों की सेवा पर शासकीय आदेश में किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
बसों को भी पूरी क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दी है. लेकिन एसटी की फेरियों का संचालन यात्रियों की संख्या पर निर्भर करता है. जिस मार्ग पर यात्री उपलब्ध होंगे व फेरियां चलाना लाभदायक होगी उसी मार्ग पर एसटी बसें चलाई जाएगी.