18 दिनों से एसटी कर्मचारी हड़ताल पर

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    गोंदिया. राज्य परिवहन महामंडल को राज्य शासन में विलिन करने की मांग को लेकर 31 अक्टूबर से एसटी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है. ऐसे में उच्च न्यायालय आदेश मिलने के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे है. ऐसे में दूसरी ओर एसटी महामंडल ने कार्रवाई करने का मानस बना लिया है.

    फ्रंटलाईन कर्मचारियों को निलंबित किया गया. वहीं दूसरे चरण में हड़ताल में शामिल हुए रोजंदारी कर्मचारियों को सेवा समाप्ती का नोटिस दिया गया है. इसमें गोंदिया डिपो के 23 व तिरोडा डिपो के 10 रोजंदारी कर्मचारियों का समावेश है.

    राज्य सरकार में एसटी महामंडल को विलिन करने की मांग को लेकर 18 दिनों से एसटी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे है. इस ओर शासन ने ध्यान देना चाहिए वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों ने हड़ताल नहीं करना चाहिए ऐसी सूचना उच्च न्यायालय ने दी है. फिर भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए है. जिसके कारण राज्य परिवहन महामंडल ने कार्रवाई करने का मानस बना लिया है. कार्रवाई के पहले चरण में हड़ताल करने वाले फ्रंटलाईन स्थायी कर्मचारियों को निलंबित किया गया. इसमें गोंदिया व तिरोडा डिपो के प्रत्येक 10 ऐसे कुल 20 कर्मचारियों का समावेश था.

    वहीं अब कार्रवाई के दूसरे चरण में रोजंदारी कर्मचारियों को सेवा समाप्ती का नोटिस थमाया गया है. इसमें गोंदिया डिपो के 23 व तिरोड़ा डिपो के 10 रोजंदारी कर्मचारियों का समावेश है. इन कर्मचारियों को काम पर लौटने का 24 घंटे का अल्टिमेटम दिया गया है. अगर काम पर उपस्थित नहीं हुए तो किसी भी प्रकार की सूचना न देते हुए सेवा समाप्त की जाएगी. ऐसी सूचना पत्र के माध्यम से दी गई है. जिससे हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में खलबली मच गई है.

    एसटी कर्मचारियों ने बताया कि कम वेतन में हम सभी कर्मचारी काम कर रहे है. गत अनेक वर्षो से शासन में विलिन करने के लिए मांग की जा रही है. लेकिन शासन स्तर पर इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. एब एक जुट होकर सभी कर्मचारी हड़ताल कर रहे है. लेकिन राज्य सरकार हड़ताल में फूट (बाधा) डालने का प्रयास कर रही है. लेकिन यह हड़ताल शुरू रखी जाएगी.