देवरी. इस आधुनिक काल में भी किसी गांव में एसटी बस आने का आनंदोत्सव मनाया जाए तो किसी को भी आश्चर्य हुए बिना नहीं रहेगा. आजादी के 70 साल बाद भी गांव एसटी बस सुविधा से वंचित है इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. लेकिन देवरी से 15 किमी की दूरी पर जंगलों और पहाड़ियों से घिरे म्हैसुली(बोंडे) इस सुदूर गांव में अब तक यह सुविधा नहीं थी.
लेकिन अब एसटी बस शुरू करने की उम्मीद जगी है. एसटी सर्वे टीम के गांव पहुंचते ही लोगों ने हर्ष व्यक्त किया. उप सरपंच ईश्वर कोल्हारे ने लगभग 700 की आबादी वाले इस आदिवासी गांव में एसटी बस सेवा शुरू करने के लिए समय-समय पर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया.
नागपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 6 पर मरामजोब गांव से 15 किमी दूरी पर म्हैसुली व मंगेझरी यह शतप्रश आदिवासी गांव हैं. इस गांव में जाने के लिए अच्छी डामर सड़क, दोनों तरफ पेड़ों की कतारें हैं, आसपास पहाड़ियां हैं और पहाड़ी की तलहटी में यह गांव स्थित है. इस गांव में बस सेवा शुरू करने का प्रयास कोल्हारे ने किया. गांव के छात्रों को अन्य लोगों को परिवहन के लिए सुविधा मिले इसके लिए उन्होंने भंडारा, साकोली विभाग और मुंबई मंत्रालय तक सतत प्रयास कर एसटी बस चालू करने की मांग की.
इसके बाद इस संबंध में विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. राज्य परिवहन निगम ने कुछ तकनीकी दिक्कतों का सर्वेक्षण कर बस सेवा शुरू करने के लिए कदम उठाए हैं. गांव में एस.टी. बस के आने से यहां के लोगों की खुशी जरूर बढ़ेगी. यह ग्राम वर्तमान में कई समस्याओं से जूझ रहा है और कोल्हारे इन समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं.