गोंदिया. एसटी महामंडल का राज्य शासन में विलय करने की मुख्य मांग को लेकर कर्मचारी पिछले साढ़े तीन माह से हड़ताल पर है. इस संबंध में 22 फरवरी को मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई होनेवाली थी. जिसके चलते एसटी कर्मी सुबह से डिपो परिसर की खुली जगह तथा मंडप में जमघट लगाए हुए थे. जो सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से वरिष्ठों से चर्चा कर न्यायालयीन हलचलों की ओर नजरे लगाए हुए थे.
इस सुनवाई से कर्मियों के पक्ष में निर्णय आने की उम्मीद थी लेकिन निर्णय नहीं हुआ बल्कि इस मामले में 25 फरवरी को अगली सुनवाई की तारीख दी गई है. इस संदर्भ में एसटी कर्मियों ने बताया कि शाम 5 बजे के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप द्वारा वरिष्ठों ने सुनवाई टलने की जानकारी दी है. राज्य शासन द्वारा कोर्ट में बिना हस्ताक्षर के रिपोर्ट पेश किया गया था.
जिसे न्यायालय में मान्य नहीं किए जाने से सुनवाई नहीं हो सकी. इससे एसटी कर्मियों में असंतोष व्याप्त है. उल्लेखनीय है कि विगत साढ़े तीन माह से गोंदिया डिपो के चालक, वाहक व मैकेनिकल विभाग के 250 कर्मचारी हड़ताल पर है. मांगों की पूर्तता नहीं होने से कर्मचारी अब भी आंदोलन पर डटे हुए है.
इस संबंध में मुंबई न्यायालय में मामला चल रहा है. जिसकी सुनवाई पिछले दो माह से किसी न किसी कारणवश टल रही हैं. इसके पूर्व न्यायालय ने राज्य शासन को एसटी महामंडल के विलय करने के संबंध में त्रिसदस्यीय समिति की रिपोर्ट 18 फरवरी तक पेश करने की बात कहीं थी जिसकी सुनवाई 22 फरवरी के दिन होनी थी, जो कल तक टल गई हैं.