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    गोंदिया. महावितरण कंपनी बढ़ती बकाया से घाटे में आने लगी है. जिससे संचालक व प्रशासन के माध्यम से विद्युत बिल वसूली अभियान को गति दी जा रही है लेकिन इस अभियान के नाम पर शासन के निर्देश व सुचनाओं को भी तिलांजलि दी जा रही है. कृषि पंप धारकों की विद्युत पूर्ति खंडित की जा रही है वहीं दूसरी ओर ऐन पंच वार्षिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद महावितरण कंपनी ने बकाया विद्युत बिलों को लेकर ग्राम पंचायतों की स्ट्रीट लाइट की विद्युत पूर्ति खंडित करने का सिलसिला शुरू किया है. जिससे ग्राम पंचायत प्रशासन खासा परेशानी में पड़ गया है.

    ग्रापं की स्ट्रीट लाइट के लिए पूर्ति किए जाने वाले विद्युत बिलों की बकाया रकम बड़े पैमाने पर बढ़ गई है. इस प्रकरण को लेकर दो वर्ष पूर्व महावितरण कंपनी ने कड़ी भूमिका अपनाकर स्ट्रीट लाइट की विद्यतु पूर्ति खंडित करने का अभियान हाथ में लिया था. लेकिन राज्य शासन ने इस पर हस्तेक्षप कर यह अभियान रोक दिया था. इसके बाद भी ना ग्रापं, ना जिला परिषद और ना ही राज्य शासन के माध्यम से विद्युत बिलों का भुगतान किया गया. जिससे ग्रापं पर बकाया विद्युत बिलों का बोझ बढ़ते चले गया.

    इसी बीच महावितरण कंपनी ने घाटे का हवाला देकर पुन: विद्युत पूर्ति खंडित करने का अभियान शुरू किया है. जिले में महावितरण प्रशासन ने बकाया विद्युत बिलों को लेकर गांव गांव की स्ट्रीट लाईट की विद्युत पूर्ति खंडित करने का सिलसिला शुरू किया है वहीं जिले की 556 ग्रापं में से 348 ग्रापं के चुनाव हो रहे हैं. ठीक चुनाव के समय महावितरण के विद्युत खंडित करने के अभियान से नागरिकों में असंतोष देखने मिल रहा है. 

    महावितरण भी टैक्स का भुगतान करें

    महावितरण कंपनी के ट्रॉन्सफार्मर, विद्युत पोल व अन्य विद्युत पूर्ति करने वाली लाइन गांव गांव में स्थापित की गई है. ग्राम पंचायत क्षेत्र वाले महावितरण कंपनी की सामग्री या पोल के टैक्स का भुगतान ग्राम पंचायत को करना जरूरी है. लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन सभी काम शासन के मानकर महावितरण कंपनी पर टैक्स निर्धारित नहीं करता है. इतना ही नहीं इसमें यदि एक संस्था दुसरी संस्था के साथ कोई सामंजस्य नहीं रखती तो उसे संस्था पर भी उसी पध्दति से कार्रवाई करे. ऐसी प्रतिक्रिया नागरिकों ने व्यक्त की है. 

    उप मुख्यमंत्री से की गई शिकायत 

    जिले में 348 ग्राम पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में महावितरण कंपनी ने विद्युत पूर्ति खंडित करने का अभियान शुरू किया है. इस प्रकरण को लेकर जन प्रतिनिधियों ने सीधे उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिकायत की है. कम से कम चुनाव होने तक यह कार्रवाई रोकी जाए व विद्युत बिल के संदर्भ में सामंजस्य के साथ प्रकरण का निवारण किया जाए. ऐसा आग्रह भी जन प्रतिनिधियों ने किया है.