बाल मृत्यु रोकने के लिए सुमन योजना

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    गोंदिया. प्रसुती दौरान माता व बालमृत्यु यह चिंता का विषय आज भी बना है. माता-नवजात बालमृत्यु रोकने के लिए राज्य में सुमन कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है. इस प्रकल्प के लिए गोंदिया जिले का चयन किया गया है. जिले में 7 ग्रामीण अस्पताल के माध्यम से इस प्रकल्प का कार्यान्वयन किया जाएगा.

    गोंदिया जिला यह आदिवासी बहुल व नक्सल प्रभावित है. जिले में माता व बाल मृत्यु के प्रमाण अधिक है. गर्भवती की नियमित स्वास्थ्य जांच व उपचार के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त संख्या में प्रसुती विशेषज्ञ उपलब्ध नही है. इस बात को ध्यान में रखकर अब शासन ने माता व बालमृत्यु रोकने के लिए सुरक्षित मातृत्व व बाल जिवित्व गारंटी याने सुमन प्रकल्प के लिए जिले के 7 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया है.

    गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व का आश्वासन देने वाले इस प्रकल्प में ग्रामीण अस्पताल सालेकसा, उप जिला अस्पताल तिरोडा, ग्रामीण अस्पताल देवरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काटी, ग्रामीण अस्पताल अर्जुनी मोरगांव व रजेगांव ग्रामीण अस्पताल का समावेश है. जिले की प्रमुख महिला अस्पताल बीजीडब्ल्यु अस्पताल में भी आश्वासित सुरक्षित मातृत्व सुमन योजना का लाभ मिलेगा.

    इस सुमन प्रकल्प पर सीधे राज्य स्तर से संचालिका डा.अर्चना पाटिल की देखरेख होगी. जबकि जिला स्तर पर जिला गुणवत्ता अभिवचन दल प्रमुख डा. पंकज पटले, उपाध्यक्ष डा.सुवर्णा हुबेकर, जिला माता बाल संगोपन अधिकारी डा.अनंत चांदेवार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.नितीन कापसे, जिला शल्य चिकित्सक डा.अमरीश मोहबे के मार्गदर्शन में टीम सुमन प्रकल्प गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. 

    इन सेवाओं का मिलेगा लाभ

    सुमन कार्यक्रम में सुरक्षित गर्भधारणा, गर्भवती की 4 वैद्यकीय जांच, अत्यावश्यक रक्त की जां, सोनेग्राफी, प्रसुती विशेषज्ञ के माध्यम से समुपदेशन व उपचार, अनिमिया रक्ती की कमी, बीमारी का समय पर उपचार, गर्भवती के नि:शुल्क टीकाकरण, गर्भवती को पोषण आहार, समुपदेशन, गर्भवती का पंजीयन, प्रधानमंत्री योजना का लाभ, जेएमवाय का लाभ आदि सभी सेवा दी जाएगी.