- व्याघ्र प्रकल्प की सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण
- वीडियो क्यों बना रहे हैं? कह कर कमेटी के सचिव से अभद्र व्यवहार
नवेगांव बांध. अर्जुनी मोरगांव – सड़क अर्जुनी तहसील की सीमा पर स्थित परसोडी रैयत, पांढरवानी के ग्रामीण तेंदूपत्ता एकत्र करने के लिए नवेगांव -नागझिरा व्याघ्र संरक्षण प्रकल्प की ओर जा रहे थे. वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने ग्रामीणों को संरक्षित वन से तेंदूपत्ता संकलन करने से रोका. जिससे संरक्षित क्षेत्र व आरक्षित क्षेत्र सीमा पर वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
महिलाओं से बदसलुकी
सुबह आरक्षित जंगल में तेंदूपत्ता संकलन के लिए गई महिलाओं के साथ वन कर्मियों ने गालीगलौच कर धक्कामुक्की की, उनके कपड़े फाड़े दिए और कुल्हाड़ी से उन पर धावा बोल दिया ऐसा आरोप परसोडी पांढरवानी के तेंदूपत्ता संकलन के लिए गई महिला सुकला टेंभुर्णे, संगीता आदे, जीजाबाई मांदाले, सविता कावले, रेवता मोहुरले आदि ने लगाया है. जबकि इस संदर्भ में वन परिक्षेत्राधिकारी सचिन डोंगरवार ने कहा कि हम सुबह से ही उनसे चर्चा कर शांति से समझा रहे हैं. लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
पुलिस बल बुलाया गया
स्थिति ना बिगडे इसके लिए पुलिस को मौके पर बुलाया गया. जब तक आरक्षित वन से तेंदूपत्ता एकत्र करने नहीं दिया जाता तब तक हटेंगे नहीं ऐसी भूमिका ग्रामीणों द्वारा ली गई जिससे वन्यजीव विभाग और ग्रामीणों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए गोंदिया जिले के अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर, देवरी उप विभागीय पुलिस अधिकारी संकेत देवलेकर व नवेगांव बांध के थानेदार जनार्दन हेगडकर स्थिति पर नजर रखे हुए थे. वहीं वन्यजीव संरक्षण विभाग वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन डोंगरवार और उनकी टीम भी घटनास्थल पर उपस्थित थी.
विधायक चंद्रिकापुरे भी पहुंचे
जानकारी मिलते ही विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर उन्हें आश्वासन दिया कि यह मामला केंद्र सरकार से संबंधित है, वे जल्द से जल्द इसे हल करने का प्रयास करेंगे. ग्रामीण अधिकारियों की कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. चंद्रिकापुरे ने ग्रामीण व अधिकारी दो पक्षों की बात सुनी और समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया.
इससे कैसे मार्ग निकलेगा, इसके लिए व्याघ्र प्रकल्प के मुख्य संचालक गवडा व जिलाधीश नयना गुंडे से भी फोन पर चर्चा की तथा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे पिछले हटने का तैयार नहीं हुए. परसोडी रयत के नागरिक वन हक्क समिति अंतर्गत तेंदूपत्ता संकलन व पखवाड़े का मौसम होने से परिवार की उपजीविका चलाने के लिए साधन के रुप में तेंदूपत्ता एकत्र करने पहुंचे थे.
ग्रामीणों ने दिया नियमों का हवाला
वन अधिकार ग्राम सभा परसोडी, परसोडी रैयत की सरपंच रंजना वाडगुरे, वन अधिकार समिति के अध्यक्ष दिगंबर मडावी ने बताया कि अनुसूचित जमाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी वन अधिकार अधिनियम 2006 और नियम 2008 सुधारित नियम 2012 के अन्वय वन हक्क व्यवस्थापन समिति के तहत ग्राम सभा अस्तित्व में आई है और तेंदूपत्ता संकलन का काम ग्राम सभा परसोडी को दिया गया है, वन हक्क अधिनियम 2006 के नियम 2 (घ) के अनुसार, वन भूमि का अर्थ किसी भी प्रकार की वन भूमि है, जिसमें अवर्गीकृत वन, सीमांकित नहीं किए गए वन, मानव वन, संरक्षित वन, आरक्षित वन, अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं. सभी प्रकार के वन उपज पर उनका अधिकार है, यह अधिकार ग्राम सभा को दिए गए है.
वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार नियम 2008 व सुधारित 2012 अन्वये धारा 3 (1) ग के अनुसार गांव की सीमा अंतर्गत व बाहर (पारंपरिक क्षेत्र) पारंपरिक रूप से एकत्रित किए जाने वाली वनोपज जैसे मोहफुले, तेंदूपत्ता आदि का उपयोग करना, संग्रह या निपटान करना (विक्री या उपयोग करने) इसके लिए स्वामित्व (मालकी) अधिकार वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार प्राप्त सामूहिक वन हक्क क्षेत्र से ही नहीं तो संपूर्ण पारंपारिक उपयोग के वनों से गौण वनोपज एकत्र करने का अधिकार मिलने का दावा वन हक्क सतिति ग्राम सभा के सचिव पुना वाडगुरे, दीनबंधू ग्रामीण विकास संस्था देवरी के लांजेवार ने किया है.
आरक्षित वन में नहीं किया जा सकता तेंदूपत्ता संकलन : डोंगरवार
वहीं व्याघ्र संरक्षण प्रकल्प के आरक्षित वन में तेंदूपत्ता का संग्रहण नियमानुसार नहीं किया जा सकता. जिलाधीश द्वारा इस क्षेत्र से तेंदूपत्ता एकत्र करने की अनुमति नहीं दी गई है. इसलिए ग्रामीणों को इस प्रकल्प की सीमा के भीतर तेंदूपत्ता संकलन करने की अनुमति नहीं है – वन परिक्षेत्राधिकारी सचिन डोंगरवार वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन डोंगरवार, वनपाल एन.ए. रमधन व वन रक्षक मुंडे के खिलाफ अनु. जाति/अनु. जमाति कानून के तहत कार्रवाई करने के सामुहिक वन अधिकार व्यवस्थापन समिति के पदाधिकारी व ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त शिकायत की लेकिन अब तक मामल दर्ज नहीं होने की जानकारी मिली है. शिकायत की प्रति राज्य जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष व सचिव, महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव, आदिवासी विकास विभाग प्रमुख सचिव व जिलाधीश गोंदिया को प्रेषित कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.
प्रकरण गर्माने की संभावना
तेंदूपत्ता तोडने गए परसोडी रैयत के रमेश तारोने, देवेंद्र तारोने, माधोराव गुरनुले, प्रल्हाद मेंधे, सत्यशीला तारोन और अनीता कोरे को 5 मई को पकड कर नवेगांवबंध स्थित वन्यजीव कार्यालय ले जाने से उक्त प्रकरण और गर्माने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.