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    • टीवी, पंखे वाले घरकुल से हो जाएंगे वंचित

    गोंदिया. केंद्र सरकार ने लाभार्थियों के लिए घरकुल मंजूर करने नए मानक घोषित किया है. जिसमें टीवी , पंखे वालों को घरकुल का लाभ न दे ऐसी सूचना दी गई है. घरकुल मंजूर करने के लिए कुल 13 मानक लागू किए गए है. इसके अनुसार एक भी लाभार्थी को घरकुल मिलना संभव नहीं है. जिससे प्रधानमंत्री का 2022 तक घरकुल बनाने का सपना पुर्णत: कठिन हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सभी के लिए घर देने का आश्वासन दिया.

    इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न घरकुल योजना क्रियान्वित की जा रही है.  प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत घरकुल मंजूर करते समय केंद्र सरकार ने राज्य के ग्राम विकास विभाग को 13 मानक लागू किया है. इसके बाद सभी पंस को घरकुल मंजूर करते समय इन मानक को पुर्ण करने वाले के घरकुल मंजूर करने के निर्देश दिए गए हैं. इन  मानकों से अनेक लाभार्थी अपात्र हो रहे है.

    जिसका प्रपत्र ड सूची में समावेश नहीं किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान स्थिति में सामान्य व गरीब लोगों की झोपड़ी में पंखा और टीवी है. इसमें अन्य वस्तु नहीं हो, फिर भी इन दो वस्तु से झोपड़ी में रहने वाले का घरकुल का सपना पुर्णत: भंग होगा. जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2022 तक सभी को घरकुल देने का आश्वासन उज्जवला गैस योजना की तरह ही सफल नहीं हो पाएगा. इतना ही नहीं इन 13 नए मानक से घरकुल के सपने देखने वाले लाभार्थियों में तीव्र असंतोष है.

    यह हैं  मानक

    मोटर साइकिल न हो, मछली मारने की यांत्रिकी नाव, खेती के आधुनिक औजार, 50 हजार का किसान कार्ड, हर माह 10 हजार रु. की आय वाले, आयकर का भुगतान करने वाले, व्यवसाय टैक्स का भुगतान करने वाले, टीवी, पंखा, फ्रीज, टेलिफोन, 1 हेक्टेयर खेती, पुन: फसल लेने वाले किसान को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत घरकुल मंजूर न करें ऐसी सूचना सभी पंस केंद्र से प्राप्त हुई है. जिससे घरकुल की प्रतीक्षा अधिक जटिल हो गई है.

    मानक केंद्र के खप्पर ग्रापं पर  

    जिले में अनेक  लाभार्थियों के नाम घरकुल की मंजूर सूची से रद्द किए जा रहे है. अचानक मंजूर हुई सूची से नाम गायब होने पर ग्राम सभा में विवाद हो रहा है. इसमें गलती प्रत्यक्ष में केंद्र सरकार की है. जबकि इसका खप्पर ग्रापं पर फोड़ा जा रहा है.

    हजारों आवेदन होंगे रद्द 

    केंद्र सरकार ने घरकुल के लिए जो 13 मानक निर्धारित किया है उस मानक में एक भी व्यक्ति का बैठना मुश्किल है. इसमें पंखा तो अब हर एक घर में है. जिससे जिले में घरकुल के लिए प्राप्त हुए हजारों आवेदन अयोग्य होने की संभावना है. इतना ही नहीं रहने के लिए टूटे-फुटे घरों में बसेरा करने वालों का सपना अब सपना ही बनकर रह जाएगा.

    घरकुल से वंचित रखने की नीति-परशुरामकर

    इस संबंध में जिप में राकांपा पक्ष के पुर्व नेता गंगाधर परशुरामकर ने बताया कि केंद्र सरकार के खाने के और दिखाने के दांत यह अलग अलग हैं. एक ओर सभी को घर देने का आश्वासन देना व दूसरी ओर मानक लगाकर जरूरतमंदों को घरकुल से वंचित रखने की नीति केंद्र सरकार की है. जिससे इन मानकों को तत्काल रद्द कर गरीबों को घरकुल देने की जरूरत है.