बदहाल मार्गों का मुद्दा गुंजेगा जिप व पंस चुनाव में

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    सालेकसा. जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. जिसके तहत 21 दिसंबर को चुनाव होने वाले है. चुनाव घोषित होने के पूर्व जनप्रतिनिधियों ने रोड रास्तों पर कभी ध्यान नही दिया, वे सिर्फ अपने चुनावी दौरे पर ही नागरिकों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास करते है.

    विगत अनेक वर्षों से तहसील के अनेक ग्रामों में मुख्य सड़कों की हालत दयनीय हो गई है. यहां दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहीं सड़कों पर आवागमन करना दुर्घटनाओं को न्योता देने जैसा हो गया है. तहसील की ग्राम पंचायतों द्वारा सड़कों के दुरूस्ती के लिए अनेक बार मांग की गई लेकिन सड़कों की खस्ता हालतों पर जनप्रतिनिधि व अधिकारी बेखबर है. ऐसे में आवागमन अब मुश्किल होता जा रहा है. ग्राम परिसरों के नागरिकों ने अनेक बार मुख्य सड़कों की दुरुस्ती की मांग की है. लेकिन कुछ नही हो पाया.

    उल्लेखनीय है  कि यह तहसील आमगांव, देवरी व सालेकसा विधानसभा क्षेत्र के अति दुर्गम क्षेत्रों में मानी जाती है. सालेकसा तहसील की अंतिम सीमा में बसे अनेक ग्रामों की ओर आने वाले मुख्य सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है. जिससे नागरिकों के साथ ही विद्यार्थी वर्ग को बड़ी परेशानी हो रही है. विद्यार्थी अक्सर साइकिलों से आवागमन करते हैं लेकिन मार्ग पर बने गहरे गड्ढे आवागमन में मुश्किलें पैदा कर रहे है. उसी तरह अन्य छोटे मार्ग भी जर्जर अवस्था में आ गए हैं जो दुर्घटनाओं का कारण बन रहे है.

    ऐसे में मार्ग की दुरुस्ती कार्य पर संबंधित विभाग का ध्यान नहीं है. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सड़कों  की जर्जर हालतों से बेखबर है. जिसके चलते मुख्य सड़कों की तत्काल दुरुस्ती की मांग क्षेत्र के नागरिकों ने अनेक बार की ताकि छात्र वर्ग तथा ग्रामीणों को सड़कों की जर्जर हालत से हो रही परेशानियों से राहत मिल सके. लेकिन अब जिप व पंस का चुनाव घोषित हो जाने पर पुन: मामला ठंडे बस्ते चला गया.  

    ऐसे में मुख्य मार्गो के खस्ताहाल का विषय एक मुद्दा बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि तहसील के अनेक ग्रामों  की मुख्य सड़कें खस्ताहाल में है. यहां रात के दौरान आवागमन करना दुर्घटना को न्योता देने जैसा हो गया है. यहां ग्राम से काफी संख्या में नागरिक आमगांव, गोंदिया, देवरी आवागमन करते हैं लेकिन सड़कों पर बने गड्ढे आवागमन करने वाले नागरिकों के लिए जानलेवा बन रहे है.

    इसके पूर्व भी अनेक बार ग्रापं द्वारा मुख्य सड़कों की दुरूस्ती की मांग की गई है लेकिन  संबंधित विभाग के अधिकारी इस विषय को गंभीर रूप से नहीं ले रहे हैं. साथ ही क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि सड़कों की खस्ता हालत से बेखबर है. ऐसे में सड़कों की खस्ता हालत पर ध्यान देने वाला कोई नहीं रहा.