वर्षों पूर्व निर्मित रेलवे का पुराना उड़ान पुल हो गया जर्जर

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    • अंतत: आज से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया

    गोंदिया. जिला मुख्यालय से कोहमारा-गोंदिया व बालाघाट मार्ग को जोड़ने वाला रेलवे का पुराना उड़ान पुल 4 मई से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. इस संबंध में जिलाधीश नयना गुंडे ने 2 मई को आदेश जारी किया है. जिसमें सार्वजनिक बांधकाम विभाग क्र. 1 का हवाला देकर बताया गया कि जिलाधीश की अध्यक्षता में 25 अप्रैल को हुई सभा में उड़ान पुल बंद करने का निर्णय लिया गया. इतना ही नहीं गोंदिया-बालाघाट मार्ग के साथ ही मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर बना पुराना उड़ान पुल जीर्ण हो गया है. इस उड़ान पुल की अवधि समाप्त हो गई है. यह शुरू उड़ान पुल यातायात की दृष्टि से अब उपयोगी व उपयुक्त नही है.

    इस उड़ान पुल से यातायात करने पर दुर्घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस मार्ग का उपयोग करने वाले नागरिकों की जनहानि व मार्ग सुरक्षा की दृष्टि से जनहित में इससे यातायात प्रतिबंधित  करना आवश्यक हो गया है. जिससे जिलाधीश नयना गुंडे ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 के प्रावधान अनुसार रेलवे के पुराने उड़ान पुल रेलवे क्रॉसिंग पुल (आरओबी 180 ए) से सभी प्रकार के वाहनों के यातायात पर स्थायी रूप से प्रतिबंध का आदेश जारी किया है.

    इस निर्णय की जानकारी 10 से अधिक संबंधित विभागों को दी गई है. इस पुराने उड़ान पुल से आवागमन बंद हो जाने के बाद निकट में ही पॅरलल बने नए उड़ान पुल का आवागमन अब बढ़ जाएगा. पुराना उड़ान पुल बीजीडब्ल्यु अस्पताल से विश्रामगृह तक बना था. जबकि नया उड़ान पुल डा.आंबेडकर चौक परिसर से मरारटोली मार्ग पर होटल सागरिका तक बना है. जिससे रेलटोली परिसर में जाने वाले वाहन चालकों को काफी घुमकर आना पड़ेगा.

    उड़ान पुल बंद करने की असली वजह यह है

    अंग्रेज शासन काल में निर्माण किया गया वर्षो पुराना उड़ान पुल अब आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. इसके बाद उसे जमीदोज करने का काम आरंभ किया जाएगा. इसके लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने एक कंपनी के साथ 5 करोड़ रु. का अनुबंध किया है. जिससे कुछ ही दिनों में पुराना उड़ान पुल तोड़ने का कार्य शुरू हो जाएगा. इस उड़ान पुल को 2 दशक पूर्व ही आवागमन के लिए अनुपयोगी बताया गया था. इसमें कई जगहों पर दरारें पड़ गई थी. जिससे रेलवे व सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधिकारियों ने उड़ान पुल के लिए सपोर्ट बेस तैयार कर आवागमन शुरू रखने की अनुमति दी थी.

    इस उड़ान पुल से 4 वर्ष पूर्व फोर वीलर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है और केवल  मोटर साइकिल व आटो रिक्शा चालकों का आवागमन शुरू था. इस पुल को तोड़ने के लिए रेल प्रशासन का काफी दबाव था. इसके साथ ही हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर तीसरी रेल लाईन बिछाने का कार्य शुरू है. इस कार्य में पुराना उड़ान पुल बाधा निर्मित कर रहा था. जिससे रेल प्रशासन ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग को उड़ान पुल तोड़ने के लिए सतत पत्र दिए थे. आखिरकार सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने उड़ान पुल तोड़ने का निर्णय ले लिया.

    नए उड़ान पुल का सहारा

    जिला मुख्यालय वाला गोंदिया शहर दो क्षेत्र में विभाजीत है. शहर के मध्य क्षेत्र से रेल मार्ग जाने की वजह से रेलटोली, मरारटोली, टीबी टोली, रामनगर सहित क्षेत्र उत्तर दिशा में आ गया है. जबकि गोरेलाल चौक, सराफा लाइन, सिविल लाइन, गणेश नगर यह दक्षिण क्षेत्र में है. पुराना उड़ान पुल बंद होने के बाद सभी छोटे बड़े वाहनों का यातायात नए उड़ान पुल से होगा. पुराने उड़ान पुल के टूटने से यातायात की व्यवस्था पर कोई परिणाम नहीं होगा. बल्कि नया उड़ान पुल आवागमन करने वालों के लिए सहारा बनेगा. इतना जरूर है कि इस नए उड़ान पुल से बड़ी संख्या में वाहनों का आना जाना शुरू हो जाएगा. इसी तरह अंडरग्राउंड, डा. आंबेडकर वार्ड परिसर की रेलवे चौकी व हड्डी टोली, रिंग रोड़ वाली रेलवे चौकी पर भी आवागमन पहले की अपेक्षा अधिक बढ़ जाएगा.