Chikungunya

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गोंदिया. मच्छर जनित रोग लोगों के स्वास्थ्य के लिए समस्या बन गई हैं. नप से इस दिशा में कारगर उपाय करने की मांग की जा रही है. शाम व सुबह मच्छरों की भरमार रहती है. विशेष कर शाम को मच्छरों के झुंड देखे जाते हैं. जिससे मलेरिया, फाइलेरिया व डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों के साथ ही जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया यादि जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

दवाइयों के नाम पर होता है सिर्फ पानी

मच्छर ना पनपे इसके लिए नालियों का पानी बहते रहना चाहिए और इसमें नियमित मच्छर मार दवाइयों को छिड़काव होना भी जरूरी है, किंतु नप का इस दिशा में ध्यान नहीं है. कई-कई महीनों बाद छिड़काव होता है, इसके नाम पर केवल सफेद पानी जैसा कुछ नालियों में डाल दिया जाता है. जिसका मच्छरों पर कोई असर नहीं होता. क्योंकि दवा में निश्चित रूप से मिलावट की जाती है. 15 से 20 लीटर यह दवाइनुमा तरल से एक पूरा प्रभाग निपटाकर कर्मचारी रजिस्टर पर लोगों के हस्ताक्षर लेकर चले जाता है.