Ujjwala scheme robbed in lockdown, accused of rigging cylinder distribution
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    तिरोडा. केंद्र सरकार ने चूल्हा मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए  उज्जवला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन का वितरण किया. इसके तहत जिले के 99 हजार लाभार्थियों को गैस कनेक्शन वितरित किए गए है. लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष में गैस सिलेंडर की कीमत 9555 रु. पर पहुंच गई है. जिससे गरीब व सामान्य लाभार्थियों को गैस सिलेंडर भरा लेना कठिन हो गया है.

    महंगाई से उन्होंने पुन: चूल्हे की ओर रूख किया है. ऐसी तस्वीर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रहा है. गैस सिलेंडर के दाम बढने  से प्रथम चरण में यह योजना असफाल हो गई है.

    इसके बावजूद केंद्र सरकार ने पुन: उज्जवला योजना के दूसरे चरण की शुरूआत की है. इसमें कुछ नियम व शर्तो के साथ सुविधा दी गई है. बिना कोई अमानत रकम  के अल्प आय वाले परिवारों को गैस कनेक्शन मिलेंगे. गैस कनेक्शन नि:शुल्क मिलेगा, फिर भी गैस सिलेंडर भरने के लिए 955 रु. लगेंगे. जिससे इस योजना के लाभार्थियों को सिलेंडर भरना उनके बस से बाहर होगा. जिससे इस योजना के अनेक लाभार्थियों ने गैस सिलेंडर भरना बंद कर दिया है. इसमें महंगाई व केंद्र सरकार की नीति से यह योजना फेल होते दिखाई दे रही है. 

      गैस सिलेंडर का उपयोग हुआ कम

    पिछले डेढ़ वर्षो से गैस सिलेंडर की कीमतों में सतत वृद्धि की जा रही है. जिससे सर्वसामान्य लोगों के बजट बिगड़ गए है. वहीं गरीब नागरिकों ने तो गैस सिलेंडर का उपयोग बंद किया है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र में पुन: चूल्हे जलने लगे है. गैस सिलेंडर के अनुदान की रकम भी शासन ने कम की है. जिससे गैस सिलेंडर के लिए 955 रु. कीमत चुकाने पड़ रहे है.

    जबकि अनुदान केवल 20 से 25 रु. जमा किया जा रहा है. जिले में अनेक स्थानों पर लोगों ने जंगल से लकडियां लाकर चूल्हे पर भोजन बनाना शुरू किया है. जिससे केंद्र सरकार की चूल्हा और धुआं का सपना केवल सपना बनकर रह गया है. इसमें गैस सिलेंडर की दर वृद्धि वापस लेने की मांग उज्जवला योजना के लाभार्थियों ने की है. 

    कैसे भरें गैस सिलेंडर

    इस संबंध में एक लाभार्थी ने बताया कि शासन ने हमें दो वर्ष पुर्व चूल्हे से मुक्ति दिलाने के लिए उज्जवला योजना अंतर्गत नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिया. इसकी शुरूआत में गैस सिलेंडर की कीमत कम थी. जिससे गैस सिलेंडर की सहज रूप से खरीदी की जाती थी. लेकिन पिछले दो वर्षों से गैस सिलेंडर की कीमत में भारी वृद्धि कर दी गई. जिससे हमने गैस सिलेंडर का उपयोग बंद कर दिया है और अब  चूल्हे का उपयोग कर रहे हैं. इसी तरह एक अन्य महिला ने कहा कि  उज्जवला योजना अंतर्गत गैस सिलेंडर मिलने से खुशी हुई थी,  चूल्हा और धुएं से मुक्ति मिलेगी ऐसा लग रहा था.

    लेकिन इसकी दर वृद्धि से पिछले वर्ष भर से हमने गैस का उपयोग करना बंद कर दिया है. इसी तरह एक अन्य महिला ने कहा कि  केंद्र शासन ने जहां एक ओर उज्जवला योजना अंतर्गत नि:शुल्क गैस सिलेंडर का वितरण कर चूल्हा और धुआं मुक्त होने का सपना दिखाया. वहीं दुसरी ओर गैस सिलेंडर की वृद्धि कर गरीब व सामान्य लाभार्थियों को पुन: चूल्हे का उपयोग करने बाध्य किया है. जिससे सरकार की नीति क्या है. यह समझ से ही परे है. 

    योजना नि:शुल्क नहीं

    केंद्र सरकार ने उज्जवला गैस कनेक्शन योजना को नि:शुल्क योजना बताकर  वाहवाही लूटी. जबकि यह योजना नि:शुल्क नहीं है. जिन लाभार्थियों को इस योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन वितरित किए गए है. बाद में इन लाभार्थियों की सबसिडी से गैस कनेक्शन के पैसे काट लिए गए हैं.