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    गोंदिया.  वंदे भारत एक्सप्रेस पर  पत्थरबाजी के खिलाफ रेलवे  कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. इसके लिए  रेलवे  अब रणनीति बना चुका है. इसे लेकर अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है. पथराव करने वालो की अब बक्शा नहीं जायेगा।  वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. अब पत्थरबाजों के खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 153 के तहत मामला दर्ज होगा. इसमें पांच साल जेल हो सकती है.

    नागपुर और बिलासपुर के बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर कुछ स्थानों पर हुई पत्थरबाजी ने रेल प्रसाशन को  हैरान कर रखा है।   अब आरपीएफ ने वंदे भारत पर पत्थरबाजी करने वालों को सीधे 5 वर्ष के लिए जेल भेजने की तैयारी कर ली है. ऐसे लोगों पर रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया जायेगा और वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच पर लगे सीसीटीवी रिकार्डिंग का पुख्ता सबूत बनाया जाएगा.

    उल्लेखनीय है कि 11 दिसंबर 2022 को स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इसके बाद डेढ़ महीने में ट्रेन पर विभिन्न स्थानों पर पत्थरबाजी की 6 घटनाओ को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है . रेलवे का दावा है कि ट्रेन में यात्री सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए है. यही कारण है कि इन घटनाओं में  अभी तक एक भी यात्री को नुकसान नहीं हुआ है. भविष्य में पथराव की घटना ना हो इसलिए रेलवे अब सख्त कार्रवाई करेगा. 

    क्या है  रेलवे एक्ट 153 

    रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 के अनुसार इरादतन कार्य या चूक से रेलवे द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरे में डालना यदि काई व्यक्ति किसी भी गैरकानूनी कार्य या जानबूझकर चूक या उपेक्षा से, किसी रेलवे में यात्रा कर रहे या उस पर होने वाले किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालता है या उसके लिए कारण बनता है, या बाधा डालता है, किसी रोलिंग स्टाक को बाधित करने का प्रयास करता है. तो उसे कारावास से दण्डनीय होगा जिसकी अवधि 5 वर्ष तक हो सकती है.

    मंडल सुरक्षा आयुक्त पंकज चुघ ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर  पत्थरबाजी की घटनाएं बढ़ रही है जो एक चिंताजनक विषय है. इन पत्थरबाजी की घटनाओं के कारण रेलवे संपत्ति नुकसान के अलावा यात्रियों के जान माल का खतरा भी बना रहता है. साथ ही इससे समयबद्ध रेल परिचालन भी बाधित होता है.

    असामाजिक तत्वों के इस कृत्य को  रोकने के लिए रेसुब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा जागरूकता/ वैधानिक कार्यवाही /अभियान चलाये जा रहे है.  रेल गाड़ियों पर पत्थरबाजी करना रेल अधिनियम की धारा 153, 154 के तहत एक दंडणीय अपराध है जिसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है. अत: पत्थरबाजी घटनाओं की रोकथाम के लिए  रेसुब की मदद करे तथा घटनाओं मे शामिल असामाजिक तत्वों कि जानकारी नजदीकी रेसुब पोस्ट को दे.