अर्जुनी मोरगांव. यह तहसील आज भी विकास से कोसों दूर है. बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते तहसील के नागरिकों को बडी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान स्थिति में इस तहसील के दूर दराज के ग्रामों के सड़कों की हालत पुरी तरह जर्जर हो गई है. जिससे वाहन धारकों को सफर करते समय अपनी जान हथेली में लेकर सफर करना पड़ रहा है.
वहीं सड़कें वर्षों से दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही हैं. वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को धूल का सामना करना पड़ता है. इस ओर जनप्रतिनिधि व निर्माण विभाग की अनदेखी हो रही है. जागरुक नागरिकों ने अनेक बार जर्जर सड़कों की मरम्मत कर वाहन चालकों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने की मांग की थी.
आदिवासी बहुल, नक्सलग्रस्त, अविकसित, अतिदुर्गम के रूप में इस तहसील की पहचान है. इस तहसील में दूर तक बसें ग्रामों में अब तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है. शिक्षा स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क आदि सुविधाओं का अभाव दिखाई दे रहा है. सरकार द्वारा प्रति वर्ष जिला और तहसील के विकास के लिए करोड़ों रू. की निधि भेजी जाती है, लेकिन अधिकारी व कर्मचारियों में समन्वय के अभाव में प्रति वर्ष निधि वापस लौटाने की नौबत आन पड़ती है. दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से तहसील का विकास नहीं हो पा रहा है.
तहसील मुख्यालय सहित कुछ गांवों तक सड़के जोड़ी गई है. लेकिन अब तक ऐसे अनेक गांव है, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है. जो सड़क तैयार हैं, उनकी हालत वर्तमान स्थिति में खस्ताहाल हो गई है. सड़क की हालत खस्ता होने के कारण इस मार्ग पर आवागमन करने वाले वाहन धारकों को बडी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मार्ग पर अनेक जगहों का डामर उखड़ गया है व गिट्टी भी फैल गई है. जिससे कारण आवागमन करने वाले वाहन कभी भी दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना व्यक्त की जा रही है, लेकिन इस ओर जनप्रतिनिधियों द्वारा अनदेखी किए जाने से सडकों की हालत जैसे थे बनी हुई है. जनप्रतिनिधियों से नागरिकों की अपेक्षा है कि मार्गों की दुरूस्ती हो सकेगी.