बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण परेशान

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    गोंदिया. इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आंखमिचौली से नागरिक परेशान हैं. दिन व रात में कई बार बिजली की आपूर्ति बंद हो जाती है. बिजली की आपूर्ति बार-बार खंडित होने से विद्युत पर चलने वाले उपकरण भी बंद होने से व्यवसाय ठप पड़ रहे हैं. अभी नवतपा चल रहा है, इस  गर्मी से लोग पहले से ही परेशान हैं और लोग पंखे, कूलर का सहारा लेकर गर्मी से अपने को थोड़ा राहत देते हैं लेकिन बिजली बार-बार खंडित होने से लोगों में महावितरण के प्रति काफी रोष दिखाई दे रहा है. ग्राम सोनपुरी, लोधीटोला, धापेवाडा, नवेगांव आदि गांवों को धापेवाडा सब सेंटर से विद्युत आपूर्ति होती है.   

    ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में विद्युत सप्लाई सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही है. साथ ही लो वोल्टेज की समस्या भी बनी रहती है. अघोषित विद्युत कटौती के कारण छोटे बच्चों को अधिक परेशानी हो रही है. इससे नागरिकों में रोष है.  हवा-तूफान के चलते ही लाईट गुल कर दी जाती है. विद्युत विभाग की मनमानी से गांव अंधेरे में डूबे रहते है.  गर्मी के चलते लोगों को और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रात तो रात दिन में भी लोगों को   परेशानी भुगतनी पड़ रही है. 

    छोटे व्यापारियों को परेशानी

    ग्रामीण इलाकों में बिजली के संकट के चलते आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहा है. गांव में छोटे व्यापारी बिजली पर आधारित विभिन्न लघु उद्योग करते है. वहीं इन दिनों सेवा केंद्रों से अनेकों प्रकार के दाखिले लेने के लिए लोग पहुंच रहे है उन्हें भी अघोषित विद्युत कटौती के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आंखमिचौली से ग्रामीणों में आटा चक्की,  वेल्डिंग, दाल मिल जैसे उद्योग व इलेक्ट्रॉनिक दुकान, कंप्यूटर सेंटर, फोटो स्टूडियो दुकानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

    सेवा केंद्र, मोबाइल व कंप्यूटर सेंटर व इलेक्ट्रॉनिक सामानों के विक्रेताओं का धंधा बिजली पर निर्भर होता है. बिजली के अभाव में यह धंधे चौपट हो रहे हैं. इन व्यवसायियों का कहना है कि बिजली की अपेक्षा जनरेटर चलाने पर दोगुना खर्च आता है. वहीं इसके लिए अतिरिक्त पैसे मांगे जाने पर लोग वापस होते जा रहे हैं. बिजली कटौती का असर उद्यमियों के साथ-साथ किसानों को भी भारी परेशानी हो रही है. फसलों में पानी देना मुश्किल हो रहा है.

    महावितरण कर्मचारी की ओर से बताया गया कि, धापेवाड़ा विद्युत केंद्र से हिवरा विद्युत केंद्र को बैकफीडर दिया गया था, हिवरा फीडर में बिगाड़ होने की वजह से बिजली बार बार जा रही थी लेकिन अब धापेवाड़ा केंद्र से बैकफीडर बंद कर दिया गया है.