नगर पंचायत चुनावों को लेकर प्रशासन की चुप्पी व अनदेखी से व्यापक  नाराजगी

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    गोंदिया. किसी भी सरकारी योजना, कार्यक्रम की जानकारी और प्रचार व प्रसार के लिए मीडिया का उपयोग अनिवार्य होता  है लेकिन जिला परिषद व पंचायत समिति के साथ ही जिले में कुछ नगर पंचायतों के चुनाव भी हो रहे है लेकिन उसके विषय में किसी तरह की जानकारी प्रशासन के स्तर पर प्रसारित नहीं की जा रही है और प्रसार माध्यमों को भी इससे वंचित रखा जा  रहा है.

    किसी तरह का खुलासा नहीं

     इसका क्या कारण है.  उसका खुलासा किसी भी स्तर पर नहीं होने से इन चुनावों को लेकर सभी वर्गों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है.

    नामांकन की अंतिम तिथि है आज

    महत्वपूर्ण यह है कि इन  चुनावों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 7 दिसंबर है.  कार्यक्रम की घोषणा के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत के आम चुनाव को लेकर किसी तरह की सूचना का प्रचार-प्रसार मीडिया के सामने पेश नहीं किया गया. राज्य चुनाव आयोग ने 24 नवंबर को राज्य की 105 नगर पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की. 

    तीन तहसीलों में हैं चुनाव

    चुनाव कार्यक्रम में गोंदिया जिले की तीन नगर पंचायतें सड़क अर्जुनी, अर्जुनी और देवरी शामिल हैं. नगर पंचायत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के आठ दिन बाद प्रशासन कितना तैयार है. 

    क्यों जानकारी नहीं दी गई

    दरअसल नगर पंचायत चुनाव को लेकर क्या उपाय किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन या नगर पंचायत चुनाव विभाग की ओर से कोई सामान्य जानकारी नहीं दी गई है. इसी प्रकार चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू हो गई है. लेकिन जिला परिषद और पंचायत समिति के आम चुनाव की तर्ज पर नगर पंचायत आम चुनाव की जानकारी मीडिया को नहीं दी जा रही हैं. 

    51 नपं सीटों पर हैं चुनाव

    जबकि अब तक 51 नगर पंचायत सीटों के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं ? इसके बारे में किसी भी तरह की  जानकारी प्रसारित नहीं की जा रही है.  यहां तक की मीडिया को भी इससे वंचित रखा गया है.  नगर पंचायत चुनाव कार्यक्रम में इतनी गोपनीयता क्यों बरती जा रही है ? ऐसा सवाल सभी कर रहे हैं. 

    नपं का चुनाव कार्यक्रम का संचालन जिलाधीश कार्यालय के एक विशेष विभाग से किया जा रहा है.  इसकी पूरी जिम्मेदारी गोंदिया नप के सीओ करण चौव्हान को सौंपी गई है  लेकिन प्रयासों के बावजूद न तो किसी तरह का संपर्क हो पाता है और न ही कोई जानकारी मिल पाती है. 

    जिला सूचना कार्यालय भी अनभिज्ञ

    उल्लेखनीय यह है कि  इस संदर्भ   में सार्थक भूमिका जिला सूचना कार्यालय की होनी चाहिए लेकिन वह भी अनभिज्ञ है. जानकारी ही उपलब्ध नहीं होगी तो देंगे कैसे ऐसा व्यक्त किया जा रहा है.