गोंदिया. जिप के पदाधिकारी पदस्थ होने के बाद उनके कार्यकाल की पहली सर्वसाधारण सभा 7 जून को आयोजित है. जानकारी के अनुसार सभा में सदस्यों ने आक्रामक भूमिका रखने की तैयारी की है. पिछले दो वर्ष के प्रशासकराज काल में जिप के अनेक विभागों में मनमर्जी अनुसार कार्य होने की जानकारी मिली है.
इस मुद्दे को लेकर सदस्य अधिकारियों को सभागृह में घेरेंगे. जिससे जिप की पहली ही सभा हंगामेदार होने की संभावना है. पहले कोरोना और बाद में ओबीसी आरक्षण के पेच से जिप के चुनाव 2 वर्ष प्रलंबित हो गए थे. इसके बाद चुनाव होने पर 10 मई को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तथा 23 मई को विषय समिति सभापति पद के चुनाव कराए गए. इन नए पदाधिकारी और सदस्यों के कार्यकाल की पहली सर्वसाधारण सभा 7 जून को होने वाली है.
इसमें सदस्यों ने अधिकारियों को घेरने की तैयारी की है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्ष जिप में प्रशासकराज था. जिससे अधिकारियों को कार्य करने के लिए मैदान खुला था. इसमें कुछ अधिकारियों ने लाभ भी उठाया है. स्वास्थ्य विभाग की भंगार बिक्री, वाहन दुरूस्ती के नाम पर निकाले बिल, बांधकाम विभाग की निविदा, कृषि व पशु संवर्धन विभाग का घोटाला, नियम के खिलाफ नियुक्तियां, पंस विभाग ने बिना मंजूरी लिए निकाली कामों की निविदा आदि मुद्दों को लेकर अधिकारियों को घेरने की तैयारी पदाधिकारी व सदस्यों ने की है.
सभा के पूर्व सभापतियों को विभाग का वितरण
जिप विषय समिति सभापति पद के चुनाव 23 मई को हुए. लेकिन सभापतियों को विभागों का वितरण नहीं किया गया. जिससे बिना विभाग के सभापति के रूप में वे काम देख रहे है. वित्त व बांधकाम, स्वास्थ्य व शिक्षण, कृषि व पशुसंवर्धन इन तीनों विभागों के वितरण जिप अध्यक्ष सर्वसाधारण सभा शुरू होने के पूर्व करेंगे. इसके बाद सभी जिप सदस्यों को पद की शपथ दिलाई जाएगी.
वित्त व बांधकाम पर भाजपा की नजर
जिप में सत्ता स्थापन करते समय भाजपा ने राकांपा व निर्दलीय सदस्यों को साथ लेकर सत्ता स्थापन की है. जिससे एक सभापति पद निर्दलीय और दो राकांपा तथा दो सभापति पद स्वयं रखेगी. इसी में वित्त व बांधकाम सभापति पद पर भाजपा दावा करेगी. ऐसे संकेत मिल रहे हैं.