जिप सभापति चुनाव: चाबी संगठन के चार सदस्य शामिल नहीं हुए, 40 का आंकड़ा 36 पर पहुंचा

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    गोंदिया. जिला परिषद  में 23 मई को विषय समिति सभापति पद के चुनाव  कराए गए. जिसमें भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस व निर्दलीय सदस्यों ने मिलकर चारों सभापति पद पर कब्जा जमा लिया है और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव की तरह भारी जद‍्दोजहद नहीं दिखाई दी है  लेकिन भाजपा गठबंधन व  चाबी संगठन के बीच पहले जैसा समन्वय परिलक्षित नहीं हुआ जो  चर्चा का विषय बन गया है. 

    इस चुनाव में चारों सभापति का निर्वाचन 13 के मुकाबले 36 से हो गया. जबकि चाबी संगठन के 4 सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया है. इस चुनाव में महिला व बाल कल्याण सभापति पद पर सविता संजय पुराम, समाज कल्याण सभापति पद पर पूजा अखिलेश सेठ, विषय समिति सभापति पद क्र. -1 संजय टेंभरे  व विषय समिति सभापति पद क्र.- 2 पर रुपेश रमेश कुथे निर्वाचित हुए है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी क्रमश: उषा नरेश सहारे, छाया शंकर नागपुरे, श्रीकांत नारायण घाटबांधे व छबू महेश उके को पराजित किया है. विषय समिति सभापति के दोनों पदों का वितरण आगामी सभा में जिप के अध्यक्ष पंकज रहांगडाले करेंगे.

    इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष केशवराव मानकर, विधायक मनोहर चंद्रीकापुरे, पूर्व विधायक रमेश कुथे, संजय पुराम व खोमेश रहांगडाले, पूर्व जिप अध्यक्ष विजय शिवणकर व नेतराम कटरे, पूर्व नगराध्यक्ष अशोक के. इंगले, रेखलाल टेंभरे, संजय कुलकर्णी, अमित अवस्थी, जयंत शुक्ला, एड. येशूलाल उपराडे, राजेश चतुर, पूर्व सभापति विश्वजीत डोंगरे, केतन तुरकर, अखिलेश सेठ आदि उपस्थित थे.  चुनाव प्रक्रिया की कार्रवाई उप विभागीय अधिकारी व चुनाव निर्णय अधिकारी पर्वणी पाटिल तथा जिप  उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी व सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी नरेश भांडारकर ने की. सभागृह में मतदान की प्रक्रिया पूर्ण होने हो जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी पाटिल ने एक एक कर विजयी सभापतियों के नामों की घोषणा की.

    इसके बाद सहायक सीईओ नरेश भांडारकर ने निर्वाचित सभापतियों को उनके कक्ष में बिठाया. उल्लेखनीय है कि जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस, चाबी संगठन व 2 निर्दलीय सदस्यों ने मिलकर 40 आंकड़ा तैयार   किया था लेकिन इस सभापति  चुनाव में पदों के चयन के दौरान  चाबी संगठन की उपेक्षा किए जाने की जानकारी मिली है. जिसके कारण उसके  4 सदस्य चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए.  जिससे 40 सदस्यों का आंकड़ा 36 पर पहुंच गया है. यह उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 13 सदस्य है जिन्हें प्रखर ढंग से  विपक्ष की भूमिका का निर्वाह करने के निर्देश उच्च कमान द्वारा दिए गए हैं.