Maharashtra government's big decision regarding Shiv Jayanti celebrations, 500 people allowed to attend
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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के तटवर्ती जिलों में मछुआरों (Fishermen) को पिछले तीन वर्षों में ओलिव रिडले और हरे समुद्री कछुओं (Sea Turtles) समेत 260 संरक्षित समुद्री जीवों को वापस समुद्र में छोड़ने पर मुआवजे के रूप में 40.78 लाख रुपये दिए गए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि ये जीव इन मछुआरों के मछली पकड़ने के जाल में फंस गए थे।

    मुआवजे का भुगतान राज्य के वन विभाग और मत्स्य पालन विभाग द्वारा दिसंबर 2018 में संयुक्त रूप से शुरू की गई योजना के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य दुर्लभ प्रजाति के समुद्री जीवों का संरक्षण करना है। विज्ञप्ति में बताया अब तक 138 ओलिव रिडले कछुए, 67 हरे समुद्री कछुए, पांच हॉक्सबिल कछुए, दो लेदरबैक समुद्री कछुए, 37 डियर शार्क, छह विशाल गिटार फिश, चार फिनलेस पोरपोइज समेत अन्य जीव वापस समुद्र में छोड़े गए हैं।

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान बृहस्पतिवार को कहा कि मैंग्रोव सेल (कांदलवन प्रतिष्ठान) ने उन मछुआरों को 40.78 लाख रुपये का मुआवजा दिया है, जिन्होंने समुद्री जीवों को वापस समुद्र में छोड़ा था। मछुआरों को मछली पकड़ने के जाल को हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि दी गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकोष्ठ ने समुद्री जैव विविधता के संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य किया है और राज्य में जैव विविधता के संरक्षण के लिए इसी तरह के गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है। ठाकरे ने इस पहल के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने का भी आह्वान किया। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार ने मैंग्रोव वन के संरक्षण के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मैंग्रोव वन का दायरा 32,000 हेक्टेयर का है। मैंग्रोव की रक्षा के लिए इसे संरक्षित वन का दर्जा दिया जा रहा है।