Paalghar Lyching Case
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    मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2020 के पालघर मॉब लिंचिंग मामले (Palghar Mob Lynching) में 10 और आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। वहीं, अदालत ने इस मामले में 8 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका भी खारिज की है। बता दें कि,अप्रैल 2020 में दो हिंदू साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या कर दी गई थी।

    मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश भारती डांगरे ने कहा कि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 10 आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। इसलिए इनकी जमानत याचिका मंजूर की जाती है। याचिकर्ता की भूमिका पर विचार करते हुए डांगरे ने कहा कि, वे मौके पर सशस्त्र मौजूद है लेकिन उनकी तरफ से पीड़ित पर कोई भी हमला किया गया इस बात की पुष्टि नहीं होती है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाती है। 

    जिन लोगों को जमानत दी गई है उनमें राजू गुरुद, विजय पिलाना, रिशा पिलाना, दीपक गुरुद, सीताराम राठौड़, विजय गुरुद, रत्न भावर, ईश्वर निकोल, फिरोज साठे और मोहन गावित शामिल हैं।

    जबकि, अदालत ने आठ और आरोपियों की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है, क्योंकि आरोपी वे  सीसीटीवी में एक मृत साधु पर हमला करते हुए देखे जा सकते हैं। उन आरोपियों में राजल गुरुद, महेश गुरुद, लहन्या वालाकर, संदेश गुरुद, हवासा साठे, भाऊ साठे, रामदास राव और राजेश राव शामिल है। 

    क्या है मामला 

    उल्लेखनीय है कि, 16 अप्रैल, 2020 को भीड़ ने चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70) और सुशीलगिरि महाराज (35) और उनके चालक नीलेश तेलगड़े (30) को मुंबई से 140 किलोमीटर उत्तर स्थित पालघर जिले के गडचिंचले में पीट-पीट कर मार डाला था। यह क्रूर हमला इन अफवाहों के बीच हुआ था कि लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र में बच्चा चोर घूम रहे हैं। इससे पहले आरोपपत्र ठाणे की अदालत में दायर किया गया था।