Manoj Jarange
मनोज जरांगे

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छत्रपति संभाजीनगर. मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जिन मराठाओं का बीड में हिंसा (Beed Violence) से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और अगर अन्याय जारी रहा तो समुदाय सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में पत्रकारों से बात की। मराठा आरक्षण को लेकर दूसरी बार अनशन के कारण अस्पताल में 10 दिन तक उपचार के बाद सामाजिक कार्यकर्ता को रविवार को छुट्टी दे दी गई।

जरांगे ने कहा, “हमने समयबद्ध कार्यक्रम और मराठाओं को (कुनबी जाति) प्रमाणपत्रों के वितरण के बारे में सरकार के साथ बातचीत की है। हमने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हमारे लोगों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में भी बात की है। समुदाय शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहा है। लेकिन उसे परेशान किया जा रहा है और लोगों को पुलिस पकड़कर ले जा रही है।”

7,000 लोगों की सूची

उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों का बीड में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें परेशान किया जा रहा है और अधिकारियों ने 7,000 लोगों (हिंसा में भाग लेने के आरोपी) की सूची बनाई है। इस महीने की शुरुआत में आंदोलन के दौरान बीड शहर और जिले में कुछ जन प्रतिनिधियों के घरों में आग लगा दी गई थी। उन्होंने कहा, “आंदोलन को दबाने के लिए चाहे कितना भी दबाव हो, हम नहीं रुकेंगे। अगर लोगों के साथ अन्याय हुआ तो बीड में मराठा समुदाय सड़कों पर उतरेगा। हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे लेकिन हमारे साथ हो रहे अन्याय को रोकेंगे।”

…तो हम आंदोलन करेंगे

जरांगे ने आरक्षण मुद्दे को हल करने के वास्ते सरकार के लिए 24 दिसंबर की समय सीमा तय की है। वह 15 से 25 नवंबर तक राज्य का दौरा करेंगे। जरांगे ने कहा, “हम 24 दिसंबर तक राज्य सरकार को परेशान नहीं करेंगे। हम बस उन्हें आगामी शीतकालीन सत्र के बारे में याद दिला रहे हैं और उनके पास आरक्षण के बारे में निर्णय लेने का मौका है। अगर नहीं, तो वे एक विशेष सत्र आयोजित कर सकते हैं। अगर इसमें और देरी हुई तो हम आंदोलन करेंगे।” (एजेंसी)