जलगांव : जिले (District) में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने डॉक्टरों (Doctors) के सामने चुनौती (Challenge) खड़ी कर दी है। यहां एक खेत में एक गभर्वती महिला (Pregnant Women) को अचानक दर्द शुरु हो गया। उसका समय पूरा हो गया था लेकिन प्रसुती (Pregnant) होने में कुछ दिनों की देरी होने से उसे अधिक पीड़ा हो रही थी। अचानक दर्द शुरु हो जाने से वहां मौजूद लोगों में भागम भाग शुरु हो गई, क्योंकि खेत से अस्पताल जाना संभव नहीं था। उस पर रात का समय होने से महिला के परिवार वाले घबराने लगे। लेकिन अचानक ही महिला ने जुडवां बच्चों को जन्म दिया। महिला का अधिक रक्त बह जाने से उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और दुसरे दिन सुबह तक महिला का इलाज शुरु करके उस की जान बचा ली गई, साथ ही दोनों जुडवां बच्चों की जान भी बचा ली गई है।
केवलबाई साहिदास भिल (उम्र २६, निवासी उखडवाडी तहसील धरणगाव) इस महिला का नाम बताया गया है। उसका परिवार मजदूरी करता है। यह इस महिला की पांचवी डिलीवरी थी। इससे पहले उसकी 2 बेटियां और 2 बेटे हैं। पांचवीं प्रसूती में भी उसे 2 बेटे हुए हैं। 5 जानवरी को यह महिला अपने परिवार के साथ खेत में काम कर रही थी कि उसे दर्द शुरु हो गया। इससे पहले कि परिवार वाले कुछ करते केवलबाई ने वहीं खेत में 2 बेटों को जन्म दे दिया। लेकिन इस प्रसुती में उसका रक्तस्त्राव अधिक हो जाने से उसे रात 9 बजे सरकारी मेडिकल कॉलेज में भरती किया गया। उस समय महिला के दिल की धड़कन बंद होने लगी थी।
स्त्रीरोग और प्रसूतीशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. संजय बनसोडे, सहयोगी प्रों डॉ. नरेंद्र पाटील के मार्गदर्शन में डॉ. जितेंद्र कोली, डॉ. कांचन चव्हाण ने तुरंत ऑपरेशन कर के महिला की जान बचाने के लिए उसका गर्भाश्य निकाल लिया। इससे महिला की जान बच गई। गहन चिकित्सा इकाई में चार दिनों के उपचार के बाद महिला को रविवार को सामान्य वार्ड में एक मेडिकल टीम की देखरेख में रखा गया था. समय रहते महिला की जान बचाने वाली मेडिकल टीम के मुखिया डॉ. जयप्रकाश रामानंद, चिकित्सा अधीक्षक विजय गायकवाड़ ने सराहना की. इलाज के लिए डॉ. शलाका पाटिल, डॉ. सोनाली मुपड़े, डॉ. चंदन महाजन, डॉ. राजश्री यसगे, डॉ. विनेश पवार, बेहोशी विभाग के डॉ. हर्षद, डॉ. स्वप्निल इंकने, ऑपरेशन कक्ष की प्रभारी सर्जन सोनाली पाटिल, गहन चिकित्सा इकाई की नर्स प्रभारी राजश्री अधले ने अथक परिश्रम किया।