लंबित कार्यों में आई तेजी, बारिश में हो रहा सड़क का डामरीकरण

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कार्यों की गुणवत्ता पर लोगों को आशंका

गड्ढों में तब्दील हुईं सड़कें

जलगांव/भुसावल. मानसून में सड़क के डामरीकरण का कार्य जोर-शोर से शुरू हो गया है. महीनों से लंबित कार्य बरसात में तेजी से पूरे किए जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो बारिश और पानी में डामर की सड़कें समय से पहले ही खराब हो जाती हैं. कुछ ही साल बीत जाने के बाद फिर से सड़कों पर जगह जगह गड्ढे हो जाते हैं. जिसका सीधा फायदा राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों को होता है.

भुसावल में कुछ ऐसा ही हो रहा है. ताप्ती नदी के पुल से रिंग रोड तक पांच सौ मीटर मार्ग प्रस्तावित है, जिस पर कुछ महीने पूर्व ही गिट्टी डाली गई थी. गत चार पांच महीने से कार्य अधर में लटका हुआ था. अधूरे काम का श्री गणेश दोबारा मानसून सत्र में शुरू हुआ है. खस्ताहाल सड़क बारिश के मौसम में बनाई जा रही है जिससे नागरिकों में संतोष तो है किंतु कार्य की गुणवत्ता को लेकर लोगों के मन में आशंका भी है. बारिश में कराए जा रहे कार्य कितने दिन तक टिकते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा. इस तरह की प्रतिक्रिया नागरिकों ने व्यक्त की है.

प्रमुख मार्गों की खस्ता हालत 

भुसावल शहर के अधिकांश सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है .जिसके प्रति नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है. मुख्य सड़कों पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. सड़कें जर्जर हो गई हैं. बारिश के मौसम में सड़कों पर पानी के छोटे-छोटे तालाब बन रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. इसे लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं. नगर पालिका प्रशासन है कि कुंभकरण नींद से जागने को तैयार नहीं है.

मरम्मत नहीं, कराएं नवीनीकरण

 विधायक संजय सावकारे के प्रयासों से रिंग रोड का कार्य किया जा रहा है किंतु नगर में अन्य सड़कों की हालत बहुत ही खस्ता हो चुकी है जिसका नवीनीकरण कराने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की गई है. मरम्मत के नाम पर गड्ढों में मिट्टी गिट्टी का भराव किया जाता है जो बारिश में उखड़ कर पानी के साथ बह जाता है. इसी के साथ नगर पालिका के रुपयों की भी बर्बादी होती है. स्थानीय नागरिकों ने सड़कों की मरम्मत के स्थान पर युद्ध स्तर पर सड़कों का नवीनीकरण कराने की गुहार स्थानीय प्रशासन से लगाई है.